सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ में महिलाओं पर फिल्माए गये ये 4 दृश्य , बयां करते है आज के ज़माने की सच्चाई

साउथ इंडस्ट्री के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा: द राइज’ (Pushpa the rising) पिछले साल 2021 में रिलीज हुई थी परंतु यह फिल्म 2022 में भी धूम मचा रही है| इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की है और महज 1 महीने के अंदर इस फिल्म ने 300 करोड़ से भी ज्यादा का कारोबार कर लिया है| अल्लू अर्जुन की यह फिल्म सच में फ्लावर नहीं बल्कि फायर है | इस फिल्म का कोई भी सीन बोरिंग नहीं लग रहा है और सब कुछ बहुत ही बैलेंस और नेचुरल तरीके से दिखाया गया है|

पुष्पा फिल्म की कहानी जितनी शानदार है उतनी ही दमदार है इस फिल्म के किरदार और इन सबके अलावा इस फिल्म में समाज में महिलाओं के हालात को भी बहुत ही बखूबी से फिल्माया गया है| इस फिल्म के जरिए समाज में एक औरत, मां, बेटी, और एक प्रेमिका के जो हालात है उसे बखूबी समझा जा सकता है |अल्लू अर्जुन रश्मिका मंदाना स्टारर फिल्म पुष्पा में दमदार अभिनय, रोमांस, एक्शन, कॉमेडी, अमीरी गरीबी, जिंदगी, और महिलाओं की सच्चाई बखूबी दिखाई गई है| आज हम आपको इस फिल्म के कुछ ऐसे ही दृश्यों के बारे में बताने जा रहे हैं जोकि महिलाओं की सच्चाई बयां कर रही है तो यह जानते हैं

1- फिल्म पुष्पा में पुष्पराज की मां की हालत बहुत ही दयनीय दिखाई गई है |वह एक बिन ब्याही मां है जिसकी वजह से उसे हर समय गंदी गंदी बातें सुनाई जाती है और पूरी फिल्म में पुष्पराज की मां जो कि एक सिंगल मदर है उनके चरित्र को तार-तार किया जाता है| समाज में बार-बार उसे अपमानित किया जाता है और इतना ही नहीं पुष्पा के सरनेम बदलने पर भी एक बहुत बड़ा मुद्दा बनता है और पिता के नाम को लेकर भी पुष्पा का समाज में बार-बार तिरस्कार किया जाता है | इसका मतलब यह है कि जो महिला इतनी तकलीफ है सहकर अपने बच्चे को जन्म देती है उसका सरनेम तक बच्चे के लिए कोई मायने नहीं रखता और लोग सिर्फ महिला से एक ही बात पूछते हैं की बच्चे के बाप का नाम क्या है ?

2- फिल्म पुष्पा में चंदन की लकड़ी का स्मगलिंग करने वाले तीन भाइयों में सबसे छोटे भाई का नाम जॉली रेड्डी है जोकि एक ऐसा इंसान है जिसे शराब और शबाब ना मिले तो उसे घुटन सी महसूस होने लगती है| जॉली के लिए महिलाएं सिर्फ एक उपभोग की वस्तु है और उसके अलावा कुछ भी नहीं| गांव में शादी चाहे जिसकी भी हो परंतु नई नवेली दुल्हन के साथ सबसे पहले जॉली ही सुहागरात मनाता है और वो अपनी प्यास मिटाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है फिर चाहे महिला की मर्जी हो या फिर ना हो| हमारे समाज में भी जॉली रेड्डी जैसे बहुत से इंसान है जोकि औरतों को इंसान नहीं बल्कि उपभोग की एक वस्तु समझते हैं और यही वजह है कि आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात की खबरे सामने आती रहती हैं|

3- फिल्म में पुष्पा और श्री वल्ली एक दूसरे से प्यार करते हैं और वही जब दोनों की सगाई होने वाली होती है तब श्रीवल्ली के परिवार वाले पुष्पा का खूब सम्मान करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि पुष्पा एक बहुत ही अमीर और ऊंचे खानदान से ताल्लुक रखता है परंतु जैसे ही पुष्पा की सच्चाई श्रीवल्ली के परिवार वालों को पता चलती है तो श्री वल्ली की मां पहले इस रिश्ते से इंकार कर देती है हालांकि पुष्पा और श्री वल्ली एक दूसरे से प्यार करते हैं परंतु इसके बावजूद भी दोनों का रिश्ता टूट जाता है| हमारी समाज में भी ऐसा ही होता है और आज भी बेटियों की शादी परिवार वाले दूसरी जाति के लोगों में नहीं कराते फिर चाहे लड़की को अपनी जिंदगी में कितनी भी परेशानियां क्यों ना उठानी पड़े|

4- फिल्म पुष्पा में एक चीज बिल्कुल सही दिखाई गई है और वो यह है कि अपराधी महिलाएं भी हो सकती हैं| जिस तरह से फिल्म सीनू की पत्नी अपने अपराधी पति का उसकी हर अपराध में साथ देती है | पति और भाई के साथ रहकर वह भी एक अपराधी बन जाती है| उसके पति और भाई ने उसकी आंखों के सामने न जाने कितने लोगों की जान ले ली परंतु उसने कभी उन्हें मना नहीं किया और इस तरह से अपराध होते देख देख कर अंत में वह खुद अपने मुंह में ब्लेड लेकर अपने पति की जान लेने के लिए उसके सीने पर बैठ जाती है| फिल्म के इस दृश्य को देखने के बाद यह पता चलता है कि महिलाएं भी अपराधी हो सकती हैं|

पुष्पा फिल्म में औरतों को लेकर कई ऐसे मार्मिक दृश्य दिखाए गए हैं जोकि समाज में महिलाओं की हालत को बयां करती है| फिल्म में एक औरत की मजबूरी को दिखाया गया है जिसमें एक माँ अपने पति को बचाने के लिए बेटी को दांव पर लगा देती है और बेटी को रात बिताने के लिए एक पराए पुरुष के पास भी भेजने के लिए तैयार हो जाती है क्योंकि उसे अपने पति की जान किसी भी हालत में बचानी है| जिसकी बाद एक औरत को जीवन भर लोग रखैल के तारे देते हैं पर इसके बावजूद भी वह अपने अधिकार के लिए कभी नहीं लगती| अपने दुश्मनों से बदला लेने के लिए पुरुष हमेशा दुश्मन के घर की महिलाओं को ही अपना टारगेट बनाते हैं |

फिल्म पुष्पा में यही दिखाया गया है कि इस तरह से पुरुष अपना बदला लेने के लिए दुश्मन के घरों की महिलाओं की इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं और फिर उनके चरित्र पर उंगली उठाते हैं उनका जीना दुश्वार कर देते हैं|हमारे समाज में आज भी बहुत से ऐसे लोग हैं जो कि महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते और इस बात का सबूत है फिल्म पुष्पा| फिल्म का ‘बिन पेंदी लोटा’ गाना भी समाज के पुरुषों पर कटाक्ष है जोकि औरतों को सम्मान नहीं देते और उन्हें कुछ नहीं समझते|

 

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