हिंदू धर्म में कई सारे त्योहार पड़ते हैं और सभी त्योहारों का महत्व भी अलग ही होता है, लेकिन इनमें से कुछ त्योहार ऐसे होते हैं जिसका इंतजार हर कोई विशेषरूप से करता है। दरअसल हम बात कर रहे हैं शारदीय नवरात्र की जो कि 29 सितंबर से शुरू होने वाला है। वैसे बताया जा रहा है कि इस बार की नवरात्रि खास होगी क्योंकि इस बार कुछ खास संयोग बन रहे हें। बताते चलें कि इस दौरान देवी पूजा की जाती है, इतना ही नहीं इन नौ दिनों में देवी मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत, उपवास और पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि में सिद्धियां प्राप्त करने के लिए विशेष पूजा अर्चना भी कि जाती है। इसके अलावा घरों में भी देवी मां की पूजा की जाती है।
पंडितों व विद्वानों का कहना है कि इस बार मां दुर्गा का विशेष आगमन होगा जिसकी वजह से इस नवरात्र का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। जी हां बताते चलें कि इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएंगी और नौ दिनों बाद घोड़े पर बैठकर प्रस्थान करेंगी। वैसे सामान्य रूप से तो हम सभी जानते हैं कि माता दूर्गा की सवारी शेर है लेकिन नवरात्र में उनकी सवारी बदलती रहती है इसलिए इस बार देवी मां का आगमन और गमन दोनों ही अलग-अलग सवारी पर होगा। इसके अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन यदि रविवार या सोमवार हो तो मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं। इस बार नवरात्रि के प्रथम दिन रविवार है इसलिए माता रानी हाथी पर सवार होकर आएंगी। 8 अक्टूबर को विजयादशमी है इसी दिन नवरात्रि पूजन का समापन होगा। नवरात्र में लोग अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं।
इस बार शारदीय नवरात्रि में बन रहे हैं विशेष योग
ज्योतिष व पंडितों का कहना है कि इस शारदीय नवरात्रि में कई विशेष योग बन रहे हैं, जिससे इस बार दुर्गा पूजा का महत्व ओर भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं किस दिन नवरात्रि का कौन सा योग बन रहा है।
ये हैं वो खास योग
30 सितंबर को अमृत सिद्धि योग रहेगा।
1 अक्टूबर को रवि योग, 2 अक्टूबर को अमृत सिद्धि, 3 अक्टूबर को सर्वार्थ सिद्धि, 4 अक्टूबर को रवि योग, 5 अक्टूबर को रवि योग, 6 अक्टूबर को सर्वसिद्धि योग रहेगा।
ये होता है महत्व
हिंदू धर्म व मान्यता के अनुसार पूरे वर्ष में देखें तो चार बार नवरात्र पड़ता है जिसमें से चैत्र और शारदीय के अलावा दो गुप्त नवरात्रि भी आती है। इन दिनों में मां दुर्गा के नौं स्वरूपों की पूजा की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए लिए पूजा-अर्चना सहित उपाय किये जाते हैं। कहा जाता है कि शारदीय नवरात्रि में जातक आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति के संचय के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं। इतनाा ही नहीं इस समय कि सिद्धि और साधना की दृष्टि से देखा जाए तो शारदीय नवरात्रि का खास महत्व है। इन 9 दिनों में देवी के नौ रूपों यानि शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धदात्री की पूजा की जाती है।