दिवाली पर सभी घर हो या फिर दुकान हर जगह माता लक्ष्मी के साथ साथ कुबेर भगवान की भी पूजा की जाती है। वहीं ये भी बता दें कि दिवाली वाली रात को सिद्धियों का रात भी कहा जाता है, यही वजह है कि इस रात तंत्र-मंत्र की साधना करने वाले इस रात का पूरे साल इंतजार करते हैं। आपको बता दें कि शास्त्रों के अनुसार इस रात धन समृद्धि और आर्थिक परेशानियों को दूर करने के लिए आप देवी लक्ष्मी की पूजा में राशि के अनुसार कुछ खास नियमों का ध्यान रखते हुए अगर आप माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो आपकी पूजा का लाभ कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है।
मेष राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
इस जातक के लोग दीवाली वाली रात पश्चिम की ओर मुंह करके महालक्ष्मी की उपासना करें। इस दौरान धनिया के बीज, बताशे, चमेली के इत्र, गुग्गुल-जटामासी के धूम्र और लाल कनेर के जरिए करें क्योंकि इससे आपको काफी लाभ होगा। दान दक्षिणा के रूप में आप गुड़, तिल और मेवे की मिठाइयां बांटे और मसूर की दाल व तांबे के बर्तनों का दान करें, लाभ हो सकता है।
वृष राशि वाले लक्ष्मी पूजन:
इन जातक वाले लक्ष्मी पूजन में गुग्गुल का धूम्र, शहद, नागकेसर, गुड़ धान का लावा और धनिया के बीजों को कमलगट्टे का प्रयोग अवश्य करें, वहीं दान दक्षिणा के रूप में इन्हें चावल, श्रृंगार सामग्री, श्वेत वस्त्र के दान और छोटी कन्याओं को उपहार से लाभ होगा, ऐसा पारम्परिक मान्यताएं कहती हैं।
मिथुन राशि वाले लक्ष्मी पूजन:
इन जातकों को लक्ष्मी पूजन के दौरान महानिशा में अपराजिता की जड़, कमल पुष्प, काला तिल चमेली का पुष्प गुलाब के इत्र, जटामासी के धूएं और कमलगट्टे से लक्ष्मी पूजन करना सुख प्रदान करेगा। इसके अलावा दान दक्षिणा के रूप में बेसन के लड्डू, काले वस्त्र, गुड़ और गेहूं का दान लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा।
कर्क राशि वाले लक्ष्मी पूजन:
इस राशि वाले जातक लक्ष्मी पूजन के दौरान गुग्गुल का धूम्र, शहद, नागकेसर, गुड़ और धनिया के बीजों को कमलगट्टे का प्रयोग अवश्य करें, इसके अलावा दान दक्षिणा के रूप में आप चाहे तो दही, दूध, चावल, चीनी, मिसरी का दान करें।
सिंह राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
इस राशि वाले जातकों को लक्ष्मी पूजन में अपराजिता की जड़, श्वेत वस्त्र, कमल और चमेली पुष्प, गुग्गुल के धूम्र और काले तिल से लक्ष्मी का पूजन आत्मिक सुख देग। वहीं इसके अलावा दान दक्षिणा के रूप में आप लाल वस्त्र, ताबे के बर्तन, गेहूं, जौ, लाल चंदन का दान करना आपके लिए शुभ फलदायी होगा।
कन्या राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
इस जातक वाले लोग दक्षिणवर्ती शंख पर रोली से लक्ष्मी बीज मंत्र श्रीं और माया बीज मंत्र ह्रीं लिख कर लक्ष्मी सूक्त, गुलाब के इत्र, काले तिल, कमलगट्टे, जटामासी के धूएं से लक्ष्मी माता की पूजा करें। ऐसा करने से माता आपसे बहुत प्रसन्न होंगी, इतना ही नहीं इसके अलावा दान दक्षिणा के रूप बेसन के लड्डू, काले वस्त्र, गुड़ और गेहूं का दान लाभ का मार्ग प्रशस्त करेगा।
तुला राशि वाले लक्ष्मी पूजन:
इस राशि वाले जातकों को 51 बार अर्गला व सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करके पंचरत्न, गुलाबी वस्त्र, गुलाब फूल, गुलाब इत्र, अनार, कमलगट्टे और धान के लावे से देवी लक्ष्मी का पूजन करना सुख प्रदान करेगा। इसके अलावा ये चाहे तो दान-दक्षिणा के रूप में सफ़ेद तिल व नारियल का मिष्ठान, चावल, सुगंध और श्वेत वस्त्र का दान करें।लाभ होगा, ऐसा पारम्परिक मान्यतायें कहती हैं।
वृश्चिक राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
इस राशि वाले जातक लक्ष्मी पूजा के दौरान श्री सूक्त व विष्णु सूक्त के 51 पाठ करें इसके साथ ही वो लाल वस्त्र, कमल पुष्प, चमेली का इत्र, अनार और अक्षत से लक्ष्मी माता का पूजन सुख प्रदान करेगा। इतना ही नहीं ये चाहे तो दान-दक्षिणा के रूप में गुड़ व तिल से बनी मिठाई। तांबे का बर्तन, मसूर की दाल और लाल वस्त्र का दान करें लाभ होगा।
धनु राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
दीवाली वाले दिन धनु राशि वाले जातकों को लक्ष्मी पूजन के दौरान कमल फूल, अपराजिता की जड़, गुलाब इत्र, अनार, शहद और काले तिल से माता की पूजा करनी चाहिए, इसके अलवा वो चाहे तो चने, केले, गुड़, गेहूं तथा बेसन के लड्डू का दान भी कर सकते हैं।
मकर राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
अब बात करें मकर राशि वाले जातकों की तो दीवाली की रात उन्हें श्री सूक्त का 101 पाठ करना चाहिए, इतना ही नहीं इसके अलावा भी इन्हें बताशे, अपराजिता की जड़, काले तिल, लाल कनेर और धान का लावा के साथ लक्ष्मी पूजन लाभप्रद होगा।वहीं ये चाहे तो तेल के खाद्य पदार्थ, काले वस्त्र, लोहे की वस्तुओं का दान करें।
कुंभ राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
इन जातकों को दीवाली की रात लक्ष्मी पूजन करने समय अपराजिता और श्वेतार्क (सफ़ेद मदार या आक) की जड़, एकाक्षी नारियल, पंचरत्न, शमी की लकड़ी, कमल पुष्प, धान का लावा, और चमेली के इत्र से भगवती का पूजन करें। आत्मिक सुख प्राप्त होगा। इसके अलावा छोटी कन्याओं को उपहार, नेत्रहीन लोगों की सेवा करें। कपिला गाय को हरी घास अर्पित करने से लाभ होगा, ऐसा पारंपरिक अवधारणाएं कहती हैं।
मीन राशि वाले लक्ष्मी पूजनः
मीन राशि वाले जातकों को गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करें। लौंग, इलायची, पान, कपूर, गुड़, धनिया, अक्षत, श्वेतार्क के पुष्प, एकाक्षी नारियल और पंचरत्न से लक्ष्मी माता का पूजन करें। वो चाहे तो इस दिन दाल, चने, केले, गुड़, तथा गेहूं का दान कर सकते हैं।