कान छिदवाने की परंपरा के पीछे धार्मिक ही नहीं बल्कि छिपा है वैज्ञानिक कारण

हमारे हिंदू धर्म में कान छिदवाना परंपरा तो है ही इसकी वजह रिति रिवाज बताई जाती है। खास तौर पर कान लड़कियों का ही छिदाया जाता है, कान छेदन को देश के कई जगहों पर पारंपरिक रिवाज़ के तौर पर निभाया जाता है जिसका ताल्लुक हमारे इतिहास से भी रहा है। इसके पीछे एक मान्यता ये है कि कान छिदवाने वाले व्यक्ति पर नकारात्मक शक्तियां काम नहीं करती और इसतरह बुरी आत्माओं से रक्षा होती है। कर्ण भेदन की इस क्रिया का हमारी सभ्यता में बेहद ही ज्यादा महत्व है, वहीं ये भी बता दें कि कई जगहो पर तो पुरुषों को भी कान छिदवाना अनिवार्य है। इतना ही नहीं आज के आधुनिक जमाने में ये परंपरा फैशन में शामिल हो गया है। भारत में कान छिदवाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे शास्त्र में जो भी बातें बताई गई हैं उसका संबंध कहीं न कहीं विज्ञान से भी जुड़ा हेाता है।

आज कल फैशन के युग में कान छिदाना भी एक क्रेज है, तभी तो भारत ही नहीं विदेशों में भी कान छिदवाने की परंपरा चलन में है। तभी तो कान छिदवाने की धार्मिक मान्यताएं तो बहुत अधिक हैं। वहीं इसके पीछे स्वास्थ्य के लाभ भी छुपे हुए हैं। ये बात आपको सुनकर यकीन नहीं आएगा लेकिन यह सच है आज हम आपको इसके स्वास्थ संबंधी मामलो के बारे में भी बताने जा रहे हैं।

छिपा है वैज्ञानिक तथ्य

अगर विज्ञान की मानें तो जिस जगह पर हम कान छिदवाते हैं वहां पर वहां पर दो बहुत जरूरी एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स मौजूद होते हैं। पहला मास्टर सेंसोरियल और वहीं उसके पास ही दूसरा मास्टर सेरेब्रल जो कि सुनने की क्षमता को बढ़ाते हैं। इस बारे में एक्यूपंक्चर में कहा गया है कि जब कान छिदवाए जाते हैं तो इसका दबाव OCD पर पड़ता है, जिसके कारण घबराहट कम होती है और कई तरह की मानसिक बीमारियां भी दूर हो जाती हैं।

इतना ही नहीं इसके अलावा ये भी कहा जाता है कि कान छिदवाने से दिमाग के कई हिस्से सक्रिय हो जाते हैं इसलिए जब बच्चे के दिमाग का विकास हो रहा हो तभी बच्चे का कान छिदवा देना चाहिए।

बताया जाता है कि कान का जो सबसे निचला हिस्सा होता है वो हमारे शरीर में भूख से संबंधित होता है, इसलिए कहते हैं कि कान छिदवाने से पाचन क्रिया दुरुस्त बनी रहती है और मोटापा कम होता है। मान्यता है कि कान छिदवाने से लकवा की बीमारी नहीं होती है। वहीं कान छिदवाने से साफ सुनने में भी मदद मिलती है।

कान छिदवाने से हमारी आंखों की रौशनी सही रहती है, इसके अलावा यह हमारी ब्रेन पावर को बढ़ाने का काम भी करता है। दरअसल, कान के निचले हिस्से में एक प्वाइंट होता है, जब वो दबता है तो उससे आंखों की रौशनी तेज होती है।

कहा तो यह भी जाता है कि कान छिदवाने से महिलाओं और पुरुष दोनों के लिए फायदेमंद होता है। क्योंकि कान के बीच की सबसे खास जगह जिसे प्रजनन के लिए जिम्मेदार माना जाता है, न केवल पुरुषों के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि महिलाओं की अनियमित पीरियड्स की समस्या को भी दूर करता है।

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