पितृ पक्ष में इन पौधों को लगाने से होते हैं कई सारे लाभ, बढ़ती है सकारात्मकता

इस दुनिया में आपको सजीव व निर्जीव दोनों ही चीजें देखने को मिलती हैं, पर इनमें से पेड़ पौधे का महत्व ऐसा होता है कि जीवन के कई समस्याओं से निजात मिल जाता है। दरअसल कहा गया है कि वृक्ष हो या फिर पेड़-पौधे इन सभी में प्राण होते हैं और ये सांस भी लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि पेड़ पौधों के जरिए आप अपनी सकारात्मक और नकारात्मक दोनो ही उर्जा को महसूस कर सकते हैं, जी हां क्योंकि शास्त्रों में भी बताया गया है कि कुछ पेड़ ऐसे होते हैं जो कि सकारात्मक उर्जा देते हैं लेकिन कुछ ऐसे भी पेड़ होते हैं नकारात्मक उर्जा देते हैं। वहीं यह भी कहा जाता है कि शुभ वृक्षों पर तो पितरों और आत्माओं का निवास भी माना जाता है। इसलिए अगर पितृ पक्ष में शुभ वृक्ष लगाये जाएं या उनकी उपासना की जाय तो पितरों का विशेष आशीर्वाद मिल सकता है।

पीपल वृक्ष

ये तो आपको भी पता होगा कि हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ का महत्व सबसे ज्यादा होता है, वहीं यह भी कहा जाता है कि पितृ पक्ष वाले माह में इसकी उपासना करने से या फिर इसे लगाने से विशेष फल की प्राप्ति भी होती है। कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से इसके नीचे दीपक जलाने से या इसमें जल डालने से पितृ प्रसन्न होते हैं। अगर कुंडली में गुरु चांडाल योग हो तो पीपल जरूर लगाना चाहिए।

बरगद वृक्ष

पीपल के अलावा बरगद का पेड़ भी अपने आप में बेहद खास होता है क्योंकि इसे आयु देने वाला तथा मोक्ष देने वाला पेड़ माना जाता है। कहा जाता है कि अगर आयु की समस्या हो तो बरगद का वृक्ष लगाना चाहिए। अगर ऐसा लगता है कि पितरों की मुक्ति नहीं हुई है तो बरगद के नीचे बैठकर शिव जी की पूजा करनी चाहिए। इतना ही नहीं इसके अलावा बरगद के वृक्ष की परिक्रमा भी करनी चाहिए।

बेल वृक्ष

इस लिस्ट में बेल के पेड़ का भी नाम आता है, कहा जा है कि यह वृक्ष शिव जी को काफी प्रिय होते हैं वहीं यह वृक्ष मुक्ति मोक्ष दे सकता है, अगर पितृ पक्ष में बेल का वृक्ष लगाया जाय तो अतृप्त आत्मा को शान्ति मिलती है। इतना ही नहीं शास्त्रों की माने तो अमावस्या के दिन शिव जी को बेल पत्र और गंगाजल अर्पित करने से सभी पितरों को मुक्ति मिलती है। बेलपत्र पर चन्दन लगाकर शिव जी को अर्पित करने से डरावने या पितरों के सपने नहीं आते।

अशोक वृक्ष

कहा जाता है कि जहां भी अशोक का वृक्ष होता है वहां वहां शोक नहीं होता। यह पेड़ बेहद ही शुभ माना जाता है इसलिए माना गया है कि यअशोक का वृक्ष घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में नकारात्मक उर्जा नहीं आती। साथ ही घर का भारीपन काफी कम हो जाता है।

तुलसी पौधा

इसके अलावा सबसे आखिरी व महत्वपूर्ण पौधा है तुलसी का जिसका एक पत्ता भी वैकुण्ठ तक पंहुचा सकता है, जी हां आपके जानकारी के लिए बता दें कि दाह संस्कार के बाद उस स्थान पर तुलसी का पौधा लगाया जाता है। इसलिए अगर पितृ पक्ष में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी देखभाल की जाय तो पितरों को निश्चित मुक्ति मिलती है। तुलसी के पौधे में नियमित जल देने से पितरों को तृप्ति मिलती है। तुलसी का पौधा अगर घर में फले फूले तो घर में अकाल मृत्यु की नौबत नहीं आती।

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