आज से सिंगल यूज प्लास्टिक पर लगा बैन, विकल्प के रूप में इन चीजों का करें इस्तेमाल

आज 2 अक्टूबर का दिन देश के लिए बेहद ही ज्यादा महत्वपूर्ण है, एक तो आज गांधी जयंती भी है और दूसरा इसी दिन से देशभर में सिंगल यूज प्लास्टिक को लेकर बड़ा फैसला हुआ है वो लागू हो जाएगा। जी हां अभी तक तो आप सभी जान ही गए होंगे कि देश भर में सिंगल यूज प्लास्टिक पर रोक लगाने का प्रयास किया जा रहा था लेकिन इसकी तय तारीख 2 अक्टूबर यानि की आज थी और ऐसे में हर कोई को ये सूचना दे दिया गया था कि आज के बाद से किसी भी जगह पर सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं दिखनी चाहिए।

वैसे आपको बता दें कि प्रतिबंध के बाद नैनीताल जिले से रोज 160 क्विंटल प्लास्टिक कचरा कम होने की उम्मीद है। वहीं बात करें हल्द्वानी की तो यहां रोजाना 135 क्विंटल सिंगल यूज प्लास्टिक कचरा कम हो जाएगा। ऐसे देखा जाए तो पर्यावरण को इससे काफी लाभ होगा और साथ ही साथ ये मानव जीवन के लिए भी खतरा बनते जा रहा था जिसपर रोक लगेगा। देशभर में जब सर्वे किया गया तो पता चला कि जो प्लास्टिक के कचरे निकलते हैं उनमें से सबसे बड़ा हिस्सा एक बार इस्तेमाल कर फेंक दी जाने वाली पन्नियों, बोतलों व खाने-पानी के सामान के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले डिस्पोजल का है।

जानें क्यों है खतरनाक

आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये इतना खतरनाक क्यों है, तो बता दें कि एक बार यूज में आने के बाद ये ऐसे कचरे में आता है जिसे न कि नष्ट किया जाता है और न ही रिसाइकिल हो सकता है। यह माइक्रो प्लास्टिक में तब्दील होकर हमारी फूड चेन में शामिल होकर शरीर के भीतर पहुंच रहा है। ऐसे में लोगों के मन में एक दुविधा और हो गई है कि आखिर वो इसकी जगह किन चिजों का प्रयोग करें ?

तो आइए जानें सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने के बाद किस चीज का करें इस्तेमाल

सबसे पहला विकल्प है जूट, कपड़े व मोटे कागज के कैरीबैग का, क्योंकि सिंगल यूज प्लास्टिक को रोकने मे यह आपकी काफी मदद करेगा।

अक्सर हम पानी की बोतलें पीकर फेंक देते हैं क्योंकि वो भी सिंगल यूज प्लास्टिक होता है तो ऐसे में आप तांबे-स्टील जैसी कांच की बोतलें इस्तेमाल करें।

आपने कई बार गौर किया होगा कि शादी, पार्टी, स्ट्रीट फूड कॉर्नर जैसी जगहों पर इनका सर्वाधिक इस्तेमाल होता है। गंदगी का बड़ा कारण ये भी है। ढाक, तिमिल, केला आदि के पत्तों से बने दोना पत्तल। बेहतर है बर्तनों का इस्तेमाल हो।

आप जब भी जूस पीने जाते हैं तो उसमें स्ट्रा पाइप का प्रयोग करते हैं ये आजकल बाजार में ज्यादातर देखने को मिल जाता है और यह भी सच है कि प्लास्टिक से बनी यह पाइप एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दी जाती है। कोशिश करें कि आप बाजार में सस्ती कीमत में कागज की स्ट्रा पाइप हैं।

पार्टियों व फंक्शन में चाय, पानी आदि के लिए प्लास्टिक या थर्माकोल के कप का इस्तेमाल होता है। इसलिए आप इसके जगह कुल्हड़, कांच व मेटल के गिलास।

जान लें ये जरूरी बात

अगर आज के बाद से आप इन नियमों को फॉलोव नहीं करते हैं तो पकड़े जाने पर पहली बार पांच हजार, दूसरी बार 10 हजार जुर्माना लेने का प्रावधान है। तीसरी बार प्लास्टिक मिलने पर 25 हजार जुर्माने के साथ तीन माह कारावास का प्रावधान।

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