हिंदी सिनेमा जगत की आईकॉनिक फिल्म शोले 15 अगस्त साल 1975 को रिलीज हुई थी और यह फिल्म हिंदी सिनेमा जगत के इतिहास की सबसे सफल फिल्म में से एक है| आज इस फिल्म को रिलीज हुए 46 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी इस फिल्म की कहानी और फिल्म के किरदार लोगों के दिलों दिमाग में बसे हुए हैं और अगर आज भी टीवी पर शोले फिल्म का प्रसारण होता है तो लोग उसी तरह से रोमांचित हो जाते हैं और बड़े ही चाव से पूरी फिल्म देखते हैं|
फिल्म शोले की मेकिंग से जुड़े कई किस्से भी काफी ज्यादा मशहूर हुए थे परंतु फिल्म शोले के मेकिंग में कुछ गलतियां भी हुई थी जिनके तरफ बहुत कम ही लोगों का ध्यान गया था और आज इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको शोले फिल्म की कुछ ऐसे ही बड़ी गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं जो की मेकर्स से हुई थी तो आइए डालते हैं इन गलतियों पर एक नजर
1.शोले फिल्म का वो सीन सबसे ज्यादा सुपरहिट हुआ था जिसमे धर्मेंद्र यानी कि वीरू बसंती का प्यार पाने के लिए पानी की टंकी पर चढ़ जाता है लेकिन पूरी फिल्म में ऐसा दिखाया गया है कि रामगढ़ गांव में बिजली नहीं है और फिल्म में दिखाया गया है कि ठाकुर की बहू फिल्म के शुरुआत से लेकर अंत तक घर में लालटेन जलाती हुई नजर आती है |वही जब वीरू पानी की टंकी पर चढ़ जाता है तब गांव वाले उसे नीचे उतरने के लिए कहते हैं लेकिन इस सीन में अगर आप गौर करें तो यदि रामगढ़ गांव में बिजली नहीं थी तो फिर इस पानी की टंकी में पानी कैसे भरा जाता होगा क्योंकि बिजली के बिना तो मोटर चलेगी नहीं और बिना मोटर के वो पानी टंकी कैसे भरी जाती होगी |
2.फिल्म शोले में एक सीन में दिखाया गया है कि बसंती भगवान शिव के मंदिर में पूजा करने के लिए पैदल आती है और उसे देख कर वीरू पूछता है कि आज तुम्हारी धन्नो कहां है? परंतु यदि इस सीन पर गौर किया जाये तो जब बसंती मंदिर से वापस लौटती है तब मंदिर के बाहर उसका तांगा इंतजार कर रहा होता है तो इसमें गौर करने वाली बात यह है कि यदि बसंती पैदल मंदिर गई थी तो लौटते समय उसके पास उसकी धन्नो कैसे आ जाती है |
3.फिल्म शोले में गब्बर का डायलॉग “अरे ओ सांबा….. कितने आदमी थे” काफी ज्यादा पॉपुलर हुआ था और इस सीन में गब्बर के तीनों डाकू उसके ठीक सामने खड़े होते हैं परंतु जब गब्बर उन्हें सामने से गोली मारता है तो अगले ही सीन में ऐसा दिखाया जाता है कि दो डाकूओं की पीठ पर और पिछले गर्दन पर ही गोली लग जाती है|
4.शोले फिल्म में एक सीन में दिखाया गया है कि डाकुओं से बचने के लिए बसंती स्टंट मारते हुए लकड़ी के पुल को तोड़ देती है जिस वजह से डाकू बसंती का पीछा नहीं कर पाते और उन्हें अपना रास्ता बदलना पड़ता है और वही जब वीरू और जय बसंती को डाकुओं से बचाकर वापस लौटते हैं तब वह लकड़ी का पुल बिल्कुल ठीक नजर आता है जिसे बसंती ने तोड़ दिया था|
5.फिल्म शोले में एक सीन में दिखाया गया है की जय वीरू की बाहों में अपना दम तोड़ता है और इस सीन में यह भी दिखाया गया है कि जब जय पुल के पास आता है तब उस वक्त उसकी दोनों ही हथेलियां खुली हुई नजर आती है लेकिन वही जब जय वीरू की बाहों में अपना दम तोड़ता है तब उसके हाथ से एक सिक्का मिलता है | ऐसे में यह सोचने वाली बात है की क्या मरते समय जय के जेब से वो सिक्का बाहर आया था |