दोस्तों इस दुनिया में जो आता है उसे एक न एक दिन जाना होता है. हर व्यक्ति की मृत्यु लिखी होती है. उसकी मौत को कोई नही टाल सकता है. ये जब आनी है तो आनी है. फिर भी मुर्ख लोग इससे भागने की कोशिश करते है. जो व्यक्ति दुनिया में आया है उसे एक न एक दिन तो जाना है ये हर कोई जानता है इसके बावजूद लोग जादू टोनो में विश्वास रखते है. मौत से आजतक कोई नही भाग पाया है और न ही कोई ये बता पाया है कि मरने के बाद इंसान की आत्मा के साथ क्या होता है. बड़े बड़े वैज्ञानिक और तांत्रिक भी इस राज से पर्दा उठाने में नाकामयाब रहे है. जब किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए उसका अंतिम संस्कार किया जाता है.
हर को अंतिम संस्कार को अपने हिसाब से करता है. जिसके पास जितना पैसा है उसके हिसाब से वो अपने प्रियजनों का अंतिम संस्कार करता है. अमीर लोग अंतिम संस्कार के लिए काफी पैसा खर्च करते है बड़ी बड़ी गाडियों में जाना अच्छा खाना इत्यादि अमीरों की पहचान है. जबकि एक गरीब आदमी अपनी हैसियत के हिसाब से खर्च करता है. अमीर हो या गरीब अंतिम संस्कार तो एक जैसा ही होना है फिर उसमे आप कितना मर्जी पैसा लगा लो. लेकिन सोशल मीडिया पर एक खबर इतनी तेजी से वायरल हो रही है कि जिसने इसे पढ़ा वह हैरान रह गया.
अंतिम संस्कार में आपके हिसाब से कितना खर्चा आ जाता होगा? हमारे हिसाब से हजारो में तो आता है. एक मध्यम वर्गीय परिवार का अंतिम संस्कार में हजारो का खर्चा आता है तो वहीँ अमीरों की बात करे तो वे लाखो का खर्चा भी कर लेते है. उनके लिए ये बड़ी बात नही होती है कि उनका कितना खर्चा आ रहा है लेकिन ये कभी आपने सुना है कि अंतिम संस्कार में लाखो का नही करोड़ो का खर्चा हुआ हो. जी हाँ सोशल मीडिया पर एक ऐसी खबर वायरल हो रही है जिसमे किसी के अंतिम संस्कार में पुरे 585 करोड़ रूपये खर्च हुए है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि थाईलैंड के राजा भूमिबल अदुल्यादेज की जब मृत्यु हुई तो उनके अंतिम संस्कार में पुरे 585 करोड़ का खर्चा आया था. आपको जानकर और भी ज्यादा हैरानी होगी कि राजा का अंतिम संस्कार उनकी मौत के पुरे एक साल बाद किया गया था. ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि राजा की मौत के बाद थाईलैंड सरकार ने उनके अंतिम यात्रा की तैयारी की थी और उस समय पुरे थाईलैंड की यात्रा की. इस यात्रा में पुरे 585 करोड़ का खर्च हुआ था. खबरों की माने तो चक्री वंश के भूमिबल 9वे राजा था. इन्हें थाईलैंड में रामनवम के नाम से भी जाना जाता था.
भूमिबल 9 जून 1946 को थाईलैंड में ही नही बल्कि पूरी दुनिया में सबसे लम्बे समय तक अपना शाशन काल चलाया है. जब भूमिबल की शव यात्रा निकाली गयी थी तो उसमे 3 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए थे. इनके अंतिम संस्कार के लिए राजमहल के सामने चौराहे पर स्वर्ण जडित थाई पैवेलियन बनाया गया था. जिसे हजारो मजदूरों ने तैयार किया था. इनके अंतिम संस्कार के अगले दिन राष्ट्रीय छुटी की घोषणा की गयी थी.