दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही है कि पुलिस वालो का काम होता है लोगो की मदद करना और अपराधियों को सजा देना. लेकिन उत्तर प्रदेश में पुलिस कर्मियों ने जो हरकत की है उसे देखकर आपका खून खौलने लगेगा. जिन लोगो को मुजरिमों को सजा देनी चाहिए वे ही कोर्ट में पेशी के दौरान उनके साथ अयाशी करते हुए पाए गये. जी हाँ उत्तर प्रदेश के देवरिया में पुलिस वाले अपनी ड्यूटी भूलकर एक हत्या आरोपी के साथ फ्लर्ट करते हुए दिखाई दिए है. हरदोई के जेल में कैद डब्लू सिंह नामक एक शख्स जिसने हत्या की थी उसकी देवदरिया में पेशी थी. उसको लेकर 3 पुलिस कर्मी आनंद सिंह, अभय कुमार और अमन सिंह पेशी के लिए पहुंचे.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जेल से जब तीनो सिपाही आरोपी को लेकर पेशी के लिए निकले तो रास्ते में वे एक होटल में जाकर रुक गये. जहाँ पर उन चारो ने महिला के साथ अयाशी की और इस दौरान वे चारो पकड़े गये. SP तक जब ये खबर पहुंची कि तीनो सिपाही आरोपी के साथ जाकर महिला के साथ अयाशी कर रहे है तो उन्होंने फौरन उन चारो को गिरफ्तार करने का आर्डर दे दिया. इसके बाद तीनो सिपाहियों को सस्पैंड कर दिया गया. जबकि डब्लू सिंह को फिर से जेल में बंद कर दिया गया. इस घटना के बाद हर कोई उन तीनो पुलिस सिपाहियों की निंदा कर रहा है.
कितनी हैरानी की बात है न दोस्तों देश में कुछ एक ऐसे सिपाही होते है जो इस तरह का गलत काम करते है और इनकी वजह से हर पुलिस वाले को लेकर लोगो के दिल में सेम इमेज बन जाती है. लोगो को लगता है अगर ये ऐसे है तो बाकी सब भी वैसे ही होंगे. हम कभी भी इस डर से पुलिसवालो के सामने खुलकर बात नही कर पाते है. पुलिस वालो का काम होता है कि वे लोगो की मदद करे और उन्हें गलत काम करने से रोके लेकिन अब इन्हें देखकर आप क्या कहेंगे. जब ये पुलिस वाले खुद ही अयाशी करने लगे तो इन्हें कौन इस रास्ते से बाहर निकालेगा. देश की सेवा करने वाले ही इस तरह के घटिया काम करते नजर आये तो लोगो पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा आप खुद ही सोच सकते है.
अक्सर लोगो के मन में पुलिस वालो को लेकर एक अलग ही सोच रहती है. हम कहीं भी उन्हें देखते है तो उनसे कोई मदद मांगने की नही सोचते है इसका कारण पुलिस वालो को लेकर हमारे मन में कोई गलत सोच भी हो सकती है. लोगो ने पुलिस वालो को लेकर अपने दिमाग में एक इमेज बना ली है जिसके मुताबिक़ हर एक पुलिस वाला अच्छा नही होता है जबकि ऐसा नही है. मानते है कि कुछ पुलिस वाले सही नही होते है इसका ये मतलब नही की सभी खराब हो. अब एक फूलदान में सारे फूलो के बीच एक फूल खराब निकल जाये तो क्या आप सभी फूलो को खराब कह दोगे. लेकिन सच तो ये है कि आजकल के समय में अगर हमारा एक पर से विशवास उठ जाता है तो फिर किसी पर नही होता है.