कब है काल भैरव जंयती, भूल से भी न करें ये काम, जानें शुभ मुहूर्त

हिंदू धर्म में कई देवी देवता हैं, जिनमें से सभी देवों का महत्व अपना अलग-अलग ही होता हैं, लेकिन सर्वोपरि देवों के देव महादेव को सबसे ऊपर माना गया है। भगवान शिव के कई रूप हैं जिनमें से एक रूप कालभैरव का भी है। काल का अर्थ होता है भय वहीं भैरव का अर्थ होता है रक्षा करने वाला। कालभैरव की पूजा भारत और नेपाल में सबसे ज्यादा होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि काल भैरव को तंत्र का देवता माना जाता है, यही नहीं भगवान शिव का रूद्र अवतार भी माना जाता है, भगवान काल भैरव की पूजा करने से भूत-प्रेत जैसी समस्या नहीं सताती।

यही वजह है कि कई लोग काल भैरव की पूजा करते हैं, इस बार इनकी जयंती 29 नंवबर, गुरुवार को मनाई जा रही है जिसे कालाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति कालाष्टमी जयंती के दिन कई ऐसे काम हैं जिन्‍हें करने से पूजा का पूरा फल नहीं मिलता। काल भैरव जयंती की रात को काल भैरव की अर्चना करनी चहिए। इस दिन जप, पाठ और हवन आदि करने से मृत्यु तुल्य रोग-कष्ट भी दूर होते हैं। इनका व्रत रख उपासना करने से हर तरह के कष्‍टों से मुक्‍ति मिलती हैं। शास्त्रों में भी कहा गया है कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रूप काल भैरव की आराधना की जाती है। इनका एक नाम दंडपाणी भी हैं। अगर आप काल भैरव के दर्शन करेंगे तो देखेंगे कि भैरव की सवारी काला कुत्‍ता है।

मान्यताओं के अनुसार काले कुत्ते को भैरव बाबा का प्रतीक माना जाता है। क्योंकि काले कुत्ते को भैरव बाबा की सवारी माना जाता है। इसलिए इस दिन काले कुत्ते की पूजा का भी विशेष महत्व है। भैरव जी का मुख्य हथियार दण्ड माना गया है। इसलिए इन्हें दण्डपति भी कहा जाता है। यह दिन पापियों को दंड देने वाला भी माना जाता है। इसलिए इस दिन जल का अर्घ्य देकर भैरव जी की पूजा की जाती है। काल भैरव जंयती के दिन भगवान काल भैरव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

काल भैरव 2019 शुभ मुहूर्त

बात करें शुभ मुहूर्त की तो 19 नवंबर 2019 की अष्टमी तिथि को शाम 3 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 20 नवंबर 2019 को दोपहर 1 बजकर 41 मिनट तक समाप्त हो जाएगा।

कालाष्टमी के दिन भूल से भी न करें ये काम

बात करें कालाष्टमी की तो शास्त्रों के अनुसार इस दिन भूल से भी इन कामों को करने की मनाही है जिसे अगर आप करते हैं तो आपको जीवनभर पछताना पड़ेगा-

सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि काल भैरव जयंती के दिन झूठ नहीं बोलना चाहिए। इतना ही नहीं इस दिन जो लेाग व्रत करते हैं उन्हें अन्न ग्रहण करने की मनाही है। ध्यान रहे कि इस दिन कुत्ते को भूल से भी न मारें, संभव हो तो कुत्ते को भोजन कराएं। इस दिन नमक खाने की मनाही है, नमक की कमी महसूस होने पर सेंधा नमक खा सकते हैं। माता-पिता और गुरु का अपमान न करें। बिना भगवान शिव और माता पार्वती के काल भैरव पूजा नहीं करना चाहिए।

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