सावन माह की तरह भादो माह का भी अपना एक अलग ही महत्व है, इस माह में पड़ने वाले सभी त्योहार अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होते हें। इस दौरान कई सारे त्योहार पड़ते हैं जिनमें से एक त्योहार तीज का भी होता है, हालांकि कई लोग इसे हरतालिका तीज भी कहते हैं। यह त्योहार महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए करती हैं, इस दिन व्रत ऱखने से सौभाग्यशाली महिलाओं को अंखड़ सौभाग्य होने का वरदान मिलता है। इस व्रत में सौभाग्यवती स्त्रियां नए लाल वस्त्र पहनकर, मेंहदी लगाकर, सोलह श्रंगार करती हैं और शुभ मुहूर्त में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं।
पर कई बार ऐसा होता है कि इस त्योहार में व्रत के दिन को लेकर उलझन पैदा हो जाती है जिससे लोग यह निर्णय नहीं कर पाते हैं कि आखिर उनको किस दिन व्रत रखना है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब ग्रह नक्षत्र ऐसे बनते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ दरअसल लोगों के मन में बार बार आ रहा है कि हरतालिका तीज-2019 व्रत की तारीख इस बार 1 सितंबर है या फिर 2 सितंबर है।
ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 1 सितंबर को सुबह में द्वितीय तिथि की भी मौजूदगी के कारण शुरू हुई है। चित्रा पक्षीय पंचांग के अनुसार द्वितीय तिथि 1 सितंबर को सुबह 8.27 बजे तक है। इसके बाद तृतीय तिथि शुरू हो रही है और यह अगले दिन यानी 2 सितंबर को सुबह 8.58 में खत्म होगी। ऐसे में इसे 1 सितंबर को मनाया जाना चाहिए। वहीं अन्य पद्धति से निर्मित पंचांग के अनुसार हरतालिका तीज 2 सितंबर को मनाया जाना चाहिए। ऐसे में कुछ लोग 1 सितंबर को व्रत रखेंगे तो कुछ लोग 2 सितंबर को, इतना ही नहीं जो लोग 2 सितंबर को व्रत करेंगे उनको कहा जा रहा है कि भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा सुबह-सुबह की कर लें।
शुभ मूहुर्त
वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अगर अगर आप 1 सितंबर को हरतालीका तीज का व्रत कर रही हैं तो इसके लिए पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6.05 बजे से रात 8.23 बजे तक का होगा।
ऐसे करें पूजन
शास्त्रों की माने तो इस व्रत में महिलाओं को देवाधिदेव महादेव की पूजा की जाती है। इस मौके पर पूजा मंडप में व्रती बालू एवं मिट्टी से शिवलिंग तैयार किए जाते हैं। महिलाएं पूजन सामग्री फूल, फल, अक्षत, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य से देवाधिदेव की पूजा करती हैं। इतना ही नहीं पूजा के बाद अखंड सौभाग्य की कामना करेंगी और भगवान भोले शंकर से अमर सुहाग की कामना करेंगी।