हमारे धर्म शास्त्रों में जन्म और मृत्यु से जुड़े काफी सारे संस्कारों का वर्णन देखने को मिलता है और जहां हिंदू धर्म में जन्म के बाद मंगलमय और खुशहाल जीवन के लिए कई रीति रिवाज निभाए जाते हैं ठीक वैसे ही मृत्यु के बाद भी कुछ परंपराएं निर्धारित की गई है जिन्हें निभाना अनिवार्य होता है और अक्सर ऐसा देखा जाता है कि जब भी किसी परिवार में किसी बड़े सदस्य की मृत्यु होती है तब ‘पगड़ी रस्म’ का कार्यक्रम होता है और इस रस्म में घर के पुरुषों के सिर पर पगड़ी बांधी जाती है लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मामला बताने वाले हैं जिसमे तीन भाइयों ने अपनी बड़ी बहन को घर का मुखिया बनाकर उसके सिर पर पगड़ी बांधकर इस रस्म को निभाया है और समाज के सामने एक मिसाल पेश की है|
आपको बता दें यह मामला मेरठ का है जहां पर पिता के श्राद्ध के दौरान तीन भाइयों ने मिलकर अपनी बड़ी बहन को घर का मुखिया बनाया और बहन के सिर पर पगड़ी बांधकर पगड़ी रस्म को भी निभाया है और वही इस कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद सभी लोगों ने इन तीनों भाइयों के द्वारा उठाए गए इस कदम की जमकर तारीफ किये है और वही सोशल मीडिया पर भी यह मामला काफी ज्यादा चर्चाओं का विषय बना हुआ है|
आपको बता दे मेरठ की जिस बहन को घर का मुखिया बनाकर उसके सिर पर पगड़ी बांधी गई है उनका नाम है उर्वशी चौधरी जोकि मेरठ शहर की एक जानी-मानी समाजसेविका है इसके साथ ही उर्वशी चौधरी पेशे से एक एडवोकेट भी है| बता दे उर्वशी की शादी मेरठ के ही प्रॉपर्टी डीलर अजय चौधरी के साथ तय हो गयी थी और उस दौरान उर्वशी चौधरी 12वीं क्लास में पढ़ती थी लेकिन शादी के बाद उर्वशी के पति अजय चौधरी ने उनका पूरा सपोर्ट किया और उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने में पूरी सहायता की और इस तरह से उर्वशी चौधरी ससुराल में रहकर अपनी हायर स्टडीज कंपलीट की और आज उर्वशी चौधरी एक सफल एडवोकेट बन चुकी है|
वही उर्वशी चौधरी के तीन छोटे भाई और एक छोटी बहन भी हैं जिनका नाम विवेक, वरुण , विकास और ऐश्वर्या है और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उर्वशी चौधरी की सबसे छोटी बहन ऐश्वर्या एक स्कूल में प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं और इनके 3 छोटे भाई भी पेशे से शिक्षक है| वही मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके चलते बीते 7 सितंबर 2021 को उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह इस दुनिया को अलविदा कह गए और आपको बता दें हरेंद्र सिंह एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थे और इसके अलावा वह खेतों में किसानी का भी काम किया करते थे| वही उर्वशी चौधरी अपने पांचों भाई बहनों में सबसे बड़ी है और वो अपने पिता के बेहद करीब थी |वही उनके पिता हरेंद्र सिंह भी हर काम अपनी बड़ी बेटी से सलाह मशवरा लेकर ही किया करते थे |
वही पिता हरेंद्र सिंह के गुजर जाने के बाद उर्वशी को काफी बड़ा झटका लगा है और सबसे खास बात तो यह है कि उर्वशी चौधरी ने अपने पिता का अंतिम संस्कार भी खुद ही किया है और वही उर्वशी की मां राधा और उनके तीनों भाइयों ने पिता हरेंद्र सिंह के गुजर जाने के बाद उर्वशी को ही घर का मुखिया बनाया है और पिता के श्राद्ध के दौरान उर्वशी को पगड़ी रस्म के दौरान पगड़ी भी पहनाई गई और आपको बता दें उर्वशी के पिता हरेंद्र सिंह की भी यही इच्छा थी कि उनके गुजर जाने के बाद घर का मुखिया उर्वशी को ही बनाया जाए |
वही पिता के गुजर जाने के बाद घर का मुखिया बनने के बाद उर्वशी का यह कहना है कि मेरे ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी आ गई है और अब मुझे ससुराल के साथ-साथ मायका की जिम्मेदारी भी उठानी है |गौरतलब है की बेटी की शादी हो जाने के बाद उसका कुल और गोत्र दोनों ही अलग माने जाते हैं लेकिन इस परिवार ने पुरानी रीति-रिवाजों को भुलाकर समाज के सामने एक मिसाल पेश की है जिसकी लोग जमकर तारीफ कर रहे हैं|