अगर आप हिंदू धर्म में विश्वास रखते होंगे तो यहां निभाए जाने वाले परंपराओं के बारे में भी आपको पता होगा, कुछ लोग इन परंपराओं को अंधविश्वास का नाम देते हैं तो कुछ श्रद्धा से निभाते हैं। जो लोग इस पर विश्वास करते हैं वो लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इन परंपराओं को निभाते चले आ रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही रूढ़िवादी परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे देखा तो आप सभी ने होगा लेकिन ऐसा क्यों किया जाता है इसके बारे में कम लोगों को ही पता होगा।
अक्सर आपने गांव में सुना या देखा होगा लड़के-लड़कियों की शादी जानवरों और पेड़ों के साथ करा दी जाती है, लेकिन ये बस ऐसे ही नहीं किया जाता है बल्कि इसके पीछे एक बड़ी वजह छिपी होती है। जी हां ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जिस व्यक्ति की कुंडली में मांगलिक दोष होता है, उसे दूर करने के लिए लड़के या लड़की की विवाह किसी मनुष्य से करने से पहले किसी जानवर या फिर पेड़ के साथ कर दिया जाता है, क्योंकि ऐसा करने से उसका मांगलिक दोष खत्म हो जाता है। अब जानते हैं कि आखिर कब और किन किन परिस्थितियों में ऐसा विवाह कराया जाता है और हमारी पूरानी परंपरा इसे लेकर क्या कहती है।
सबसे पहले तो बता दें कि हमारे यहां विवाह से पहले लड़का लड़की का कुंडली मिलाया जाता है ऐसा इसलिए क्योंकि किसी भी तरह का दोष हो तो उसके बारे में पहले ही पता चल जाए, अगर किसी की कुंडली में मांगलिक दोष, किसी की कुंडली में राहू केतु दोष तो किसी की कुंडली में काल सर्प योग बनता है और इस वजह से शादी नहीं हो पाती है।
अगर कन्या की कुंडली में हो मांगलिक दोष
जब भी किसी लड़की की कुंडली में मांगलिक दोष देखने को मिलता है तो ऐसे में उस लड़की का विवाह जिस भी लड़के से होता है उसके उपर जान का खतरा बना रहता है इसलिए इस दोष से मुक्त होने के लिए कन्या की शादी पीपल के पेड़ सेकर दी जाती है, क्योंकि ऐसा करने से उसका मांगलिक दोष हट जाता है।
कुंडली में है दो शादी के योग
कई बार देखने को मिलता है कि किसी लड़के की कुंडली में दो शादी के योग बने होते हैं तो ऐसे में कोई भी परिवार अपनी बेटी की शादी उस लड़के से नहीं करना चाहता है। कहा जाता है कि दो शादी के योग का अर्थ है कि पहली शादी सफल न हो पाने पर दूसरी शादी का होना। जिसके समाधान के लिए भी किसी भी जानवर अथवा वृक्ष के साथ उस मनुष्य का विवाह कर दिया जाता है।
ऐसा योग होने पर भी
कहा तो यह भी जाता है कि अगर शादी के बाद कन्या का मन स्थिर नहीं रहेगा या फिर कुछ समय बाद ही उसके मन में ऐसे ख्याल आने लगेंगे कि यह वर उसके लिए नहीं है। तो ऐसे में भी उस कन्या का विवाह पेड़ या जानवर से कर दिया जाता है।
अब आप यह सोच रहे होंगे कि आखिर पीपल और बरगद के पेड़ से ही क्यों की जाती है शादी, तो बता दें कि हिंदू धर्म में इसे उचित माना जाता है, क्योंकि इस प्रकार के विवाह में कोई भी कानूनी झंझट नहीं होता और इन पेड़ो में देवों का वास होता है।