विनोद खन्ना बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने सुपरस्टार रहे हैं और विनोद खन्ना ने अपने बेहतरीन अभिनय के बलबूते देश और दुनिया में खासा नाम कमाया है और अपनी शानदार अदाकारी से हर किसी को प्रभावित किया है और आज बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार विनोद खन्ना इस दुनिया में नहीं है परंतु उनके उनका अभिनय और उनकी फिल्में आज भी लोग भुला नहीं पाए हैं और उनकी यादें लोगों के दिलों में जिंदा है|
विनोद खन्ना अपने बेहतरीन व्यक्तित्व और शानदार अभिनय के दम पर 4 दशकों तक हिंदी सिनेमा जगत पर राज किया था और अपने करियर में कई सुपरहिट फिल्में दी थी परंतु विनोद खन्ना की जिंदगी में एक ऐसा समय भी आया था जब इन्होंने अपना अच्छा खासा फिल्मी करियर छोड़कर बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री से दूर साधारण जीवन जीने का फैसला किए थे और अपने करियर की ऊंचाइयों पर ही विनोद खन्ना ने मायानगरी को अलविदा कहकर ओशो के आश्रम में जाकर रहने लगे थे|
खबरों के मुताबिक विनोद खन्ना अपनी पत्नी और अपने बच्चों को छोड़कर साधारण जिंदगी जीने का फैसला बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्देशक और अपने सबसे करीबी दोस्त महेश भट्ट के कहने पर किया था और महेश भट्ट ने ही विनोद खन्ना को फिल्मी दुनिया से दूर होने और अध्यात्म की तरफ ध्यान लगाने के लिए प्रेरित किया था और महेश भट्ट के कहने पर ही विनोद खन्ना उनके साथ ओशो के आश्रम में जाकर शरण ले लिए और भगवा चोला पहनकर उसी आश्रम में रहने लगे थे|
वहीं विनोद खन्ना को ओशो आश्रम पहुंचाने के बाद कुछ समय के बाद महेश भट्ट वहां से वापस आ गए परंतु विनोद खन्ना वहीं रह गए और उन्हें ओशो आश्रम से अमेरिका शिफ्ट कर दिया गया था| वही 10 सालों तक ओशो की शरण में रहने के बाद विनोद खन्ना का अध्यात्म की तरफ से ध्यान भटकने लगा और उन्होंने एक बार फिर से फिल्मी दुनिया में वापसी की थी|
बता दे 10 साल के बाद जब विनोद खन्ना वापस से फिल्मी दुनिया में कदम रखें तब उनका स्टारडम पूरी तरह से खत्म हो चुका था और उनका कैरियर भी बर्बाद हो चुका था और इसके बाद साल 2017 में विनोद खन्ना कैंसर की जंग हारने के बाद इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए| वही पिता के गुजरने के 2 साल के बाद उनके बेटे अक्षय खन्ना ने इस राज से पर्दा उठाया था कि आखिर क्यों उनके पिताजी पत्नी और बच्चों को छोड़कर सन्यासी बने थे और फिर उन्होंने बॉलीवुड में वापसी क्यों की थी?
अक्षय खन्ना ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान यह बताया था कि,” जब मेरी उम्र महज 5 साल की थी तब मुझे यह बातें समझ में नहीं आती थी लेकिन अब मैं यह बात समझ सकता हूं और उन्होंने कहा था कि ओशो में शरण लेने वाले कई सन्यासियों का मोहभंग हो गया था जिसके बाद उन सभी को उनकी राह खोजनी पड़ी थी और इन्हीं सन्यासियों में से एक मेरे पिताजी भी थे और वह भी इसी वजह से वापस ही किए थे और यदि ऐसा नहीं होता तो वह कभी भी वापस हमारे पास नहीं लौटते|
गौरतलब है कि विनोद खन्ना अपनी बीवी और बच्चों को छोड़कर आश्रम में जाकर बस गए थे तब विनोद खन्ना की पत्नी गीतांजलि को काफी कुछ सहना पड़ा था और उन्होंने अकेले ही अपने दोनों बेटों अक्षय खन्ना और राहुल खन्ना की परवरिश की थी और इसके साथ ही उन्हीं लोगों के ताने भी सुनने पड़ते थे कि उनका पति गुरु के साथ भाग गया और इन सब की वजह से गीतांजलि काफी ज्यादा परेशान रहने लगी थी और फिर उन्होंने विनोद खन्ना को तलाक दे दिया और अपनी जिंदगी में आगे बढ़ गई| वही विनोद खन्ना ने जब फिल्मी दुनिया में वापसी की थी तब उन्होंने दूसरी शादी कविता के साथ रचाई थी |