नवरात्र के 9 दिन के पूरे होने के अगले दिन ही विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है, हिंदू धर्म में ये त्योहार बेहद ही धूमधाम से मनाया जाता है। बताते चलें कि इस दिन को लेकर ये कहा गया है कि इस दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी यही वजह है कि इसे विजयादशमी का त्योहार कहा जाता है। विजयादशमी को दशहरा के नाम से भी जाना जाता है, आश्विन मास में नवरात्रि का समापन होने के दूसरे दिन यानी दशमी तिथि को मनाया जाने वाला दशहरे का यह पर्व बहुत ही शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि नवरात्रि में नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना की जाती है और विजयादशमी के दिन दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है, यही वजह है कि इसे दशहरा के नाम से भी जाना जाता है। बता दें कि इस दिन खासकर खरीददारी करना शुभ माना जाता है जिसमें सोना, चांदी और वाहन की खरीदी बहुत ही महत्वपूर्ण है।
शास्त्रों की माने तो इस दिन अस्त्र शस्त्र की पूजा की जाती है और तो और जीवन में हमेशा के लिए दुश्मनों पर विजय प्राप्त करने की कामना भी इसी दिन करते हैं। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि दशहरे पर पूरे दिनभर ही मुहूर्त होते हैं इसलिए सारे बड़े काम आसानी से संपन्न किए जा सकते हैं। यह एक ऐसा मुहूर्त वाला दिन है जिस दिन बिना मुहूर्त देखे आप किसी भी नए काम की शुरुआत कर सकते हैं। दशहरे के दिन भगवान श्रीराम की पूजा का दिन भी है। इस दिन घर के दरवाजों को फूलों की मालाओं से सजाया जाता है। कहा जाता है कि दशहरे के दिन घर की सुख समृद्धि, शांति एवं ऐश्वर्य के लिए कुछ उपाय व टोटके करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे करने से आपका जीवन खुशीयों से भर जाएगा।
दशहरे के दिन करें ये पांच उपाय, जीवन के हर दुख हो जाएंगे दूर
दशहरे पर दोपहर के समय आप अपने घर के ईशान कोने में कुमकुम, चंदन और फूलों से अष्टदल कमल की आकृति बनाएं ऐसा करने के बाद देवी जया और वजिया को याद कर पूरे विधि विधान के साथ पूजन करें।
ध्यान रहे कि इन देवियों की पूजा करने के बाद शमी वृक्ष के पास घी का दीपक जलाएं और वृक्ष के पास से मिट्टी उठाकर घर के कोने में रखें। ऐसा करने से घर में दरिद्रता नहीं आती है और सभी कामों में सफलता मिलती है।
इतना ही नहीं शास्त्रों में तो यह भी कहा गया है कि नवरात्र में नौ दिनों तक शमी की पूजा करने से कानूनी दांव पेंच और मुकदमें सुलझ जाते हैं। वास्तव में शमी को शनिदेव का रूप माना जाता है और उन्हें प्रसन्न करने से धन एवं वैभव की प्राप्ति होती है।
इसके अलावा आप चाहे तो दशहरे के दिन आदि शक्ति दुर्गा को 10 तरह के फलों का भोग लगाएं और गरीबों में बांटें। देवी को भोग लगाते समय ‘ॐ विजयायै नम:’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।