अयोध्या मामले में कल सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया, यह तो हम सभी जान ही चुके हैं कि फैसला रामलला के हक में आया हे। लेकिन आज भी इस मुद्दे पर लगातार चर्चा हो रही है। हर कोई इस ऐतिहासिक फैसले से बेहद ही ज्यादा खुश है। हर कोई इस फैसले पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहा है, इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राम जन्मभूमि आंदोलन की अगुवाई करने वाले नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी ने भी इस फैसले का सम्मान किया और कहा कि वो इस ऐतिहासिक फैसले से काफी खुश है। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा अयोध्या मामले पर दिए गए फैसले का स्वागत करने में मैं भी देशवासियों के साथ खड़ा हूं।
आडवाणी ने यह भी कहा कि मैं मंदिर मुहिम का हिस्सा रहा हूं और आज अपने आप को धन्य महसूस कर रहा हूं। उन्होंने लिखा है कि मंदिर आंदोलन आज़ादी के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन था। पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागतकिया है। इसके अलावा उन्होने आगे यह भी बताया कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खुश हैं। समाज के हर वर्ग को साथ चलना होगा। आडवाणी ने कहा अब अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा।
आडवाणी ने कहा कि रामजन्मभूमि आंदोलन के दौरान, मैं अक्सर कहा करता था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का असली उद्देश्य एक शानदार राष्ट्र मंदिर का निर्माण करना है – भारत को एक मजबूत, समृद्ध, शांतिपूर्ण और सामंजस्यपूर्ण राष्ट्र का निर्माण करना हैं जहां सभी का न्याय हो। आइए हम आज उस महान मिशन के लिए खुद को समर्पित करें।
इतना ही नहीं इससे पहले तो पीएम मोदी ने अयोध्या मामले में आए फैसले को लेकर देश को संबोधित भी किया जिसमें उन्होने कहा कि आज का फैसला ऐतिहासिक है। मोदी ने कहा कि आज के फैसले से हमें धैर्य की सीख लेनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला नया सवेरा लेकर आएगा। फैसला आने पर हर वर्ग ने इसका स्वागत किया है। हमें न्यू इंडिया का संकल्प लेकर सबको साथ लेकर आगे बढ़ना है। कानून का सम्मान हम सबका कर्तव्य है।
जैसा कि आप भी जानते हैं कि राम जन्मभूमि भारत और विदेशों में हमारे देश के करोड़ों लोगों के दिलों में एक विशेष और पवित्र स्थान रखती है इसलिए, यह फैसला संतुष्टिदायक है कि अदालत ने करोड़ों लोगों की धारणा और भावनाओं का सम्मान किया है। जानकारी के लिए बताते चलें कि इससे पहले, प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा है, ‘अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला आएगा, वो किसी की हार-जीत नहीं होगा। देशवासियों से मेरी अपील है कि हम सब की यह प्राथमिकता रहे कि ये फैसला भारत की शांति, एकता और सद्भावना की महान परंपरा को और बल दे।’
इतना ही नहीं मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने इस व्यवस्था के साथ ही राजनीतिक दृष्टि से बेहद संवेदनशील 134 साल से भी अधिक पुराने इस विवाद का पटाक्षेप कर दिया। इस विवाद ने देश के सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव के ताने बाने को तार तार कर दिया था।