हर लड़की और लड़के की जिंदगी में शादी एक बड़ा और अहम फैसला होता है। लेकिन बात अगर एक लड़की की करें तो उसके अरमान होते हैं कि शादी के बाद उसे एक अच्छा ससुराल मिले। उसे अपने सास और ससुर से माता-पिता जैसा ही प्यार मिले। उसके ससुराल वाले उसे अपनी बेटी की तरह ही प्यार और सम्मान दें। एक लड़की के लिए इससे बड़ी खुशी भला क्या होगी। आज हम आपको एक ऐसे ही किस्से के बारे में बताएंगे। जिसमें एक ससुर ने अपनी विधवा बहू का बेटी की तरह सम्मान किया और उसकी जिंदगी को खुशियों से भर दिया।
दरअसल, रवि शंकर सोनी नाम के एक व्यक्ति ने अपनी विधवा बहू को बेटी की तरह मानकर उसका कन्यादान किया। खास बात तो यह है कि उसने अपनी विधवा बहू के लिए खुद योग्य लड़का ढूंढकर उसकी धूम-धाम के साथ शादी की।
सड़क हादसे में गई बेटे की जान
जानकारी के लिए बता दें कि झौंतेश्वर मवई गांव के डिप्टी रेंजर पद से रिटायर हुए रवि शंकर सोनी के बेटे संजय सोनी की एक महीने पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उनका बेटा पीछे अपनी पत्नी और दो बच्चियों को हमेशा-हमेशा के लिए अकेला छोड़ गया। उस वक्त एक पिता और उसके परिवार पर क्या बीत रही होगी ये तो शायद वो ही समझ सकते हैं। घर की खुशियां गमों में बदल गई थीं। लेकिन संजय सोनी की पत्नी पर क्या बीत रही होगी, यह शब्दों में बयां नही किया जा सकता। उस समय उनका दर्द शायद ही कोई और समझ पाता।
रवि शंकर ने बहू के लिए ढूंढा रिश्ता
एक सुसर होने के नाते रवि शंकर ने अपने सारे फर्ज निभाए। खास बात तो यह है कि एक बार फिर से उन्होंने अपनी बहू की जिंदगी में रंग भरने की सोची। इसलिए वह उसके लिए लड़के की तलाश करने लगे। इसके साथ ही रवि शंकर ने बहू के रिश्ते की तलाश के लिए उसके पिता और भाइयों को भी बोल दिया था। आखिर में कोशिश कर उन्होंने अपनी बहू के लिए लड़का ढूंढ ही लिया। दरअसल, रवि शंकर ने जबलपुर स्थित पिपरिया निवासी राजेश सोनी को अपनी बहू के लिए दुल्हा चुना। उन्होंने अपनी बहू के साथ राजेश की शादी करवाने का फैसला कर लिया था। बता दें कि राजेश सोनी एक ट्रांसपोर्ट और रेस्टोरेंट का कारोबार चलाता है। आपको बता दे, उनकी पत्नी की मौत लगभग 3 साल पहले सड़क हादसे में हो गई थी। हालांकि पहली पत्नी से उनकी कोई संतान नही थी।
रवि शंकर ने बहु को दी अपनी दौलत
सगे बाप की तरह रवि शंकर सोनी ने अपनी बहू का हमेशा साथ दिया। उन्होंने अपनी दौलत भी बहू के नाम कर दी। दरअसल, रवि शंकर ने अपने बेटे की कार को बहू के नाम कर दिया। इसके अलावा उन्होंने अपने बेटे की मौत के बाद मिले बीमा से 3 लाख 76 हजार रुपये भी बहू के नाम पर जमा करवा दिए। वहीं, बाकी के बचे गहने जेवर भी दिए, और दोनों बच्चियों के नाम FD भी करा दी। इस तरह उन्होंने एक सगे बाप की तरह अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाईं।