दोस्तों इस दुनिया में माँ बाप से बढकर और कोई नही होता है और माँ बाप के गुजर जाने के बाद पत्नी से बढकर कोई नही होता है. माँ बाप अपने बच्चो को हमेशा खुश देखना चाहते है हर माँ बाप यही चाहते है कि उनके बच्चे खुश रहे. बच्चो की पढाई से लेकर उनकी शादी तक की सारी जिम्मेदारी माँ बाप अच्छे से उठाते है. लेकिन सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई है जिसमे एक बेटा सुबह अपने माँ बाप की चिता को आग लगाकर घर आता है और शाम को उसको दूल्हा बनकर अपनी पत्नी को लेने निकल जाता है. इस खबर को पढकर हर कोई सोच में पड़ गया कि आखिर माँ बाप के अंतिम संस्कार के बाद लड़का दूल्हा कैसे बन सकता है. आमतौर पर घर परिवार में किसी की मृत्यु हो जाने पर कोई भी शुभ काम कुछ समय के लिए नही किया जाता है.
बारात वाले दिन हुई माँ बाप की मौत
घटना उत्तर प्रदेश की बताई जा रही है जहाँ पर एक माँ ने अपने बेटे के लिए खुद लडकी ढूंढ़ी थी. माँ को क्या पता था जिस बेटे की शादी के लिए उसने इतने अरमान सजा रखे है उन्हें वे देख भी नही पायेगी. हुआ यूँ था कि बारात वाले दिन सुबह लडके के माँ बाप शादी का कुछ सामान लेने के लिए बाइक पर बाज़ार जा रहे थे बाइक उनका भांजा चला रहा था. बाइक रोड पर सीधी जा रही थी कि साइड से तेजरफ्तार से एक ट्रक आया और उसने बाइक को टक्कर मार रही. भांजा तो जैसे कैसे बच गया लेकिन लडके के माँ बाप की मौके पर ही मौत हो गयी. माँ बाप के साथ हुए हादसे को सुनकर बेटे के पैरो तले जमीन खिसक गयी. उसे समझ ही नही आ रहा था कि ये क्या हो गया.
कुछ समय पहले लडके के माँ बाप इतना ज्यादा खुश थे अपने बेटे की शादी के कुछ सामान को लेने खुद ही बाज़ार जाने लगे. लडके को क्या पता था सुबह तक जिस घर में खुशियों की चहक थी वहां थोड़ी देर में ही मातम का साया मंडराने वाला है. हंसी से भरा पूरा घर शौक में डूब गया. हर तरफ रोने की आवाजे आनी शुरू हो गयी. लडके को शाम को बारात लेकर जाना था लेकिन उसकी हिम्मत टूट चुकी थी सुबह उसने अपने माँ बाप की चिता को आग लगाई और शाम को उसके फेरे होने थे. घर के बाकी सदस्यों और मेहमानों के समझाने पर लड़का जैसे कैसे बारात ले जाने को तैयार हुआ.
शादी की बारात बिलकुल चुपचाप निकली. शादी न कोई गाना बजाय गया और न ही ढोल नगाड़े. गम के साए में सारी रस्मे हुए दूल्हा पूरी शादी में आंसू बहाता रहा. बारात में गाँव से कोई आदमी नही गया था सिर्फ घर के सदस्य और कुछ रिश्तेदार ही गये थे. 2 दिन तक गाँव में किसी के घर चूल्हा नही जला. गम के साए में शादी कैसे हुई किसी को कुछ पता नही चला. लड़का अपने माँ बाप के चले जाने से बहुत दुखी थी वहीँ उसका मन शादी करने का भी नही था लेकिन मुहर्त को टाला नही जा सकता था इसलिए उसे बारात लेकर जाना पड़ा.