इसरो का महत्वपूर्ण मिशन चंद्रयान 2 पर दुनियाभर की नजरें हैं। भले ही ये मिशन पूरी तरह सफल न हुआ हो लेकिन चंद्रयान अभी भी लोगों को उम्मीदे हैं। जी हां दरअसल हाल ही में इसरो से जो खबरें सामने आई हैं उसे सुनकर एक बार फिर से लोगों के अंदर आशंकाए उत्पन्न हो गई, बता दें कि इसरो के सामने एक बड़ी चुनौती आ गई है क्योंकि चांद पर भूकंप और बर्फीली हवाएं चल रही है और ऐसे में वहां घनी काली रात के साथ इन दो बड़ी मुसीबतों के कारण टीम को सबसे बड़ी चिंता इसी बात की है कि 14 दिन का रात खत्म होते ही लैंडर विक्रम न जाने कैसी स्थिति में होगा।
इतना कुछ होने के बावजूद अभी भी इसरो ने हार नहीं मानी है जी हां क्योंकि आज भी इसरो लैंडर विक्रम से संपर्क साधने के लिए तैयार बैठा है। इसके लिए इसरो ने अपनी तरफ से भरपूर प्रयास कर रहा है और तो और कई सारी प्लानिंग भी है। इन प्लानिंग के तहत लैंडर विक्रम से संपर्क किया जा सकता है लेकिन लगता है कि किस्मत भी इसरो के इस प्रयास में उसका साथ नहीं दे रही है क्योंकि उसके आगे सबसे बड़ी चुनौती है वो है भूकंप और बर्फीली हवाएं।
वैसे बता दें कि चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग से पहले इसरो ने जानकारी दी थी कि लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ एक चंद्र दिवस के बराबर है यानि की पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि इतने दिनों बाद लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करना काफी मुश्किल होगा। वहीं दूसरी ओर इसरो का कहना है कि इतने दिनों के बाद संपर्क करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल होगा, लेकिन कोशिश करने में कोई दिक्कत नहीं है।
लैंडर विक्रम के अंदर कितना हुआ नुकसान
बीते दिनों अगर आप मिशन चंद्रयान 2 की खबरों से अपडेट रहते होंगे तो आपको यह तो पता ही होगा कि चांद पर हार्ड लैंडिंग के दौरान लैंडर विक्रम को काफी नुकसान हुआ है। रिपोर्ट की मानें तो लैंडर के बाहरी सतह के साथ साथ अंदर भी नुकसान हुआ है लेकिन जब तक लैंडर विक्रम की स्पष्ट तस्वीर सामने नहीं आती तब तक कुछ भी दावे से कहना मुश्किल है। चांद पर पांच अक्टूबर से दिन निकलना शुरू होगा। ऐसे में ISRO समेत दुनिया की तमाम स्पेस एजेंसियां जिनमें नासा भी शामिल है।
17 अक्टूबर को मिल सकती है अच्छी खबर
अगर आपको याद होगा तो कुछ समय पहले नासा ने कहा कि वो 17 अक्टूबर को भी लैंडर विक्रम से जुड़ी तस्वीरों को लेकर कुछ नए तथ्य सामने ला सकता है। लेकिन इससे पहले जब नासा ने उस जगह की तस्वीरें शेयर की थी तो उसमें लैंडर विक्रम ने हार्ड लैंडिंग की थी, तो ये कहा था कि उसे लैंडर विक्रम नहीं मिला।
वहीं इन तस्वीरों के आधारों पर ही लैंडर विक्रम की खोज हुई थी जिसके बाद उन तस्वीरों की फिर से जांच करने की बात कही थी। इसरो की एक टीम भी इन तस्वीरों का विश्लेषण कर रही है। अब जांच के बाद उम्मीद लगाया जा रहा है कि 17 अक्टूबर को अच्छी खबर मिल सकती है।