हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले लोगों को ये पता ही होगा कि कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। हालांकि इस धर्म में करोड़ो देवी देवता हैं लेकिन फिर भी प्रथम पूजनीय का दर्जा भगवान गणेश को ही प्राप्त है, यही वजह है कि घर हो या दुकान सभी जगह गणेश जी की मूर्ति या फोटो रखी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि सही समय पर और सही तरीके से भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाए तो घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है ?
आज हम आपको विशेषरूप से भगवान श्री गणेश की मूर्ति से संबंधित जानकारी बताने जा रहे हें जिन्हें अगर आप अपने घर में स्थापित करते हैं तो उस दौरान इन बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए। भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान का मुंह दक्षिण दिशा की ओर ना हो। ऐसा होने से घर या दुकान पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
गणेश जी की प्रतिमाओं में सबसे बड़ा संशय गणेश जी की सूंड को लेकर रहता है, तो आपको आज हम बताएंगे कि किस तरह की प्रतिमा शुभ मानी जाती है। कई बार गणेश जी की प्रतिमा में दाईं और बाईं ओर वाले सूंड के गणेश जी दिखाई देते हैं लेकिन माना जाता है कि बाईं ओर सूंड वाले गणपति ज्यादा सिद्ध होते हैं।
ऐसे में लोग अक्सर कंफ्युज हो जाते हैं, कि कौन सी मूर्ति लें, उसे वाममुखी कहते हैं। इसके बारे में बता दें बाई ओर चंद्र नाड़ी होती है जो शीतलता प्रदान करती है एवं उत्तर दिशा अध्यात्म के लिए पूरक है। इतना ही नहीं कहा जाता है कि बाईं ओर की सूंड वाले गणपति हमेशा ही सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करते हैं और हर काम शुभ होते हैं। तो जब भी घर में गणेशजी की प्रतिमा लेकर आये बाईं ओर वाले गणपति ही लेकर आये जो आपके लिए शुभ साबित होंगे।
मान्यता है कि गणेश जी की मूर्त जब भी दक्षिण की ओर मुड़ी हुई बनाई जाती है तो वह टूट जाती है। कहा जाता है कि यदि संयोगवश आपको दक्षिणावर्ती मूर्त मिल जाए और उसकी विधिवत उपासना की जाए तो अभिष्ट फल मिलते हैं। गणपति जी की बाईं सूंड में चंद्रमा का और दाईं में सूर्य का प्रभाव माना गया है।
इसके अलावा यह भी बताया गया है कि अगर आप चाहते हैं कि आपके घर में सभी कार्य मंगलमय हो तो आपको सिंदूरी रंग के गणपति की आराधना करनी चाहिए। ऐसा करने से सभी मनोकामनाएं जल्दी पूरी हो जाती हैं। आप चाहे तो अपने घर में गणेश जी का चित्र यानि की तस्वीर भी लगा सकते हैं लेकिन ध्यान रहे कि इस चित्र में मोदक और चूहा अवश्य हो, इससे घर में बरकत रहती है।
यदि गणेशजी की स्थापना घर में करनी हो तो दाईं ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी शुभ होते हैं। दाईं ओर घुमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है व शुभ फल प्रदान करता है। इससे घर में पॉजीटिव एनर्जी रहती है व वास्तु दोषों का नाश होता है।