Jitiya vrat 2019: इस दिन है जितिया व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत कथा व पूजा विधि

हिंदू धर्म को मानते हैं तो आपको ये तो पता ही होगा कि आए दिन कोई न कोई त्योहार पड़ता ही रहता है, और तो और हर त्योहार का अपना एक अलग ही महत्व होता है। वैसे बताते चलें कि हर साल की तरह इस बार भी जीवित्पुत्रिका या जिसे जितिया या जीमूतवाहन भी कहा जाता है आने वाला है, यह त्योहार 22 सितंबर दिन रविवार को पड़ेगा। हालांकि ये व्रत हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है, कहा जाता है कि जो भी महिलाएं ये व्रत रखती है उनके पुत्र को दीर्घ, आरोग्य और सुखमय जीवन प्राप्त होता है लेकिन यह भी सच है कि ये व्रत बेहद ही ज्यादा कठिन होता है इसके लिए महिलाओं को पूरे दिन भर के लिए निर्जला व्रत रखना होता है। इस दिन गन्धर्वों के राजकुमार जीमूतवाहन की विशेष पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने के दौरान जीवित्पुत्रिका व्रत का कथा सुनना भी काफी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इससे व्रत का विशेष फल प्राप्त होता है।

शुभ मुहूर्त

वैसे कैलेंडर की माने तो इस बार व्रत को लेकर पंडित और पंचांग एकमत नहीं हैं। यही वजह है कि जितिया का व्रत इस बार दो दिन का हो गया है। कुल मिलाकर देखा जाए तो यह व्रत 21 सितंबर से लेकर 23 सितंबर तक है। व्रत का मुख्‍य दिन अष्‍टमी 22 सितंबर को है।

अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 21 सितंबर 2019 को रात 08 बजकर 21 मिनट से
अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 22 सितंबर 2018 को रात 07 बजकर 50 मिनट तक

पूजा विधि

अब बारी आती है पूजा विधि की जिसके बारे में जानकारी होना अति आवश्यक है। सबसे पहले तो ये जान लें कि जितिया में तीन दिन तक उपवास किया जाता है।

इन तीन दिनों में तो पहला दिन नहाय-खाय का होता है जिसमें व्रत करने वाली महिलाएं नहाने के बाद एक बार भोजन करती हैं और फिर दिन भर कुछ नहीं खाती हैं।

वहीं इसके अगले दिन यानि की दूसरे दिन को खर जितिया कहा जाता है। यही व्रत का विशेष व मुख्‍य दिन है जो कि अष्‍टमी को पड़ता है। इस दिन महिलाएं निर्जला रहती हैं। यहां तक कि रात को भी पानी नहीं पिया जाता है।

अब इसके बाद बारी आती है तिसरे दिन की जब पारण किया जाता है। इस दिन व्रत का पारण करने के बाद भोजन ग्रहण किया जाता है।

जीवित्पुत्रिका व्रत कथा

कहा जाता है कि गंधर्व राजकुमार जीमूतवाहन उदार और परोपकारी व्यक्ति थे। जब उनके पिता वन चले गए तो उनको ही राजा का पद प्राप्त हुआ जिसके बाद उनका मन उसमें नहीं रमा। वे राज-पाट भाइयों को देकर अपने पिता के पास चले गए। वन में ही उनका विवाह मलयवती नाम कन्या से हुई। लेकिन एक दिन एक दिन वन में उनकी मुलाकात एक वृद्ध महिला से हुई जो कि नागवंश से थी। वो काफी रो रही थी और डरी भी थी, तभी जीमूतवाहन ने पूछा कि क्या हुआ तो उसने बताया कि नागों ने पक्षीराज गरुड़ को वचन दिया है कि प्रत्येक दिन वे एक नाग को उनके आहार के रूप में देंगे। उस वृद्धा ने बताया कि उसका एक बेटा है, जिसका नाम शंखचूड़ है।

आज उसे पक्षीराज गरुड़ के पास जाना है। इतना सुनते ही जीमूतवाहन ने कहा कि तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं होगा। वह स्वयं पक्षीराज गरुड़ का आहार बनेंगे। नियत समय पर जीमूतवाहन स्वयं पक्षीराज गरुड़ के समक्ष प्रस्तुत हो गए। लाल कपड़े में लिपटे जीमूतवाहन को गरुड़ अपने पंजों में दबोच कर साथ लेकर चल दिए। उस दौरान उन्होंने जीमूतवाहन की आंखों में आंसू निकलते देखा और कराहते हुए सुना। वे एक पहाड़ पर रुके, तो जीमूतवाहन ने सारी घटना बताई। फिर क्या था गरुड़ ने जीमूतवाहन के इस साहस को देख काफी प्रसन्न हो गए। उन्होंने जीमूतवाहन को प्राणदान दे दिया और कहा कि वे अब किसी नाग को अपना आहार नहीं बनाएंगे। इस घटना के बाद से ही पुत्रों के दीर्घ और आरोग्य जीवन के लिए जीमूतवाहन की पूजा होने लगी।

विदेश में भी इन सितारों ने बनाया है खुबसूरत आशियाना फिल्मो में कदम रखने वाली है SRK की स्टाइलिश बेटी सुहाना खान कभी कॉफ़ी शॉप में काम करने वाली श्रद्धा आज है करोड़ों की मालकिन परियो की तरह खुबसूरत है टाइगर की बहन दादा साहेब फाल्के अवार्ड – जाने किसने जीता कौन सा अवार्ड ‘अनुपमा’ की बा वेस्टर्न लुक में दिखती है बेहद स्टाइलिश बिना हिचकिचाहट के प्रेगनेंसी में बिंदास होकर एक्ट्रेस ने कराया फोटोशूट फिल्मो के साथ बिज़नस में भी सुपरहिट है ये हसीनाएं स्ट्रैप्लेस ब्लाउज-पर्पल साड़ी में रुबीना ने दिखाया ग्लैमरस अवतार नेहा कक्कड़ ने सुर्ख लाल साड़ी में दिखाया स्टनिंग अंदाज
विदेश में भी इन सितारों ने बनाया है खुबसूरत आशियाना फिल्मो में कदम रखने वाली है SRK की स्टाइलिश बेटी सुहाना खान कभी कॉफ़ी शॉप में काम करने वाली श्रद्धा आज है करोड़ों की मालकिन परियो की तरह खुबसूरत है टाइगर की बहन दादा साहेब फाल्के अवार्ड – जाने किसने जीता कौन सा अवार्ड