भारत व पाकिस्तान के बीच रिश्ते की स्थिति कैसी है ये किसी से भी छिपा हुआ नहीं है चाहे कितना भी पाकिस्तान तड़फड़ा ले लेकिन हर बार उसे मुंह की खानी पड़ती है। दरअसल हाल ही में ब्रिटेन ने ऐसा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है जिससे पाक पीएम एक बार फिर बौखला उठा है। ये तो हम भी जानते हैं कि पाकिस्तान आज के समय में पाई पाई के लिए तरस रहा है लेकिन इन दिनों पाक पीएम की नजर हैदराबाद के निजाम के खजाने पर गड़ी हुई थी जिसकी कीमत अरबों में है लेकिन लंदन के रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के जज मार्कस स्मिथ ने जो फैसला सुनाया उसके बाद तो मानों पाकिस्तान के होश ही उड़ गए।
दरअसल हम बात कर रहे हैं हैदराबाद के 7वें निजाम उस्मान अली खान के फंड जो कि इसके अधिकारी मालिक थे। उनके ना होने के बाद उनके वंशज और भारत इस फंड के मालिक हैं।लेकिन पाकिस्तान इसे अपना बता रहा था उसका दावा था कि ये संपत्ति उसकी है, इस बात पर कई दशकों से केश चला आ रहा था जिसपर अब जाकर ब्रिटेन के एक हाई कोर्ट ने सुनवाई की है, जी हां हैदराबाद के निजाम के 3.5 करोड़ पाउंड के फंड को लेकर दशकों से 2 अक्टूबर, 2019 को जो फैसला लंदन में लिया गया है वो भारत के पक्ष में है।
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि जब भारत व पाकिस्तान का विभाजन हुआ था उस दौरान हैदराबाद के निजाम उस्मान अली खान ने 1948 में लंदन के नेशनल वेस्टमिंस्टर बैंक में 10 लाख पाउंड जो कि कुल 8.87 करोड़ रुपए थें उसे जमा किए थे लेकिन भारत और पाकिस्तान इसपर हक जता रहे थें और करीब 70 सालों से इस बात पर बहस हो रहा था कि आखिर ये संपत्ति किसकी होगी। जो कि अब जाकर फैसला हो गया और अब उस संपत्ति की कीमत बढ़कर करीब 35 मिलियन पाउंड करीब 306 करोड़ रुपए हो चुकी है।
जानकारी के लिए बताते चलें कि यह पैसा लंदन के नेशनल वेस्टमिंस्टर बैंक में जमा है जो कि ब्रिटेन में स्थित है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया है कि ब्रिटेन के कोर्ट ने पाकिस्तान के इस दावे को निरस्त कर दिया है कि इस पैसे का मुख्य उद्देश्य हथियारों की शिपमेंट के लिए पाकिस्तान को भुगतान के रूप में किया गया था।
आखिर पाकिस्तान क्यों जमाने लगा हक
अगर इतिहास को टटोलेंगे तो पता चलेगा कि पैसे भेजने के कुछ दिनों बाद ही निजाम ने बैंक से पैसा वापिस लौटाने को कहा था लेकिन बैंक ने ऐसा नहीं किया और वो पैसा पाकिस्तान के खाते में पहुंच गई जिसका पता चलते ही निजाम ने बैंक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई प्रारम्भ की। मुद्दा हाउस ऑफ लॉर्ड्स तक भी चला गया पर उस दौरान इसपर कोई फैसला नहीं लिया गया क्योंकि पाकिस्तान का दावा सही नही था। फिर कुछ समय बाद ये पैसा ब्रिटेन के नेटवेस्ट बैंक में फ्रीज रखा हुआ था। फिर कार्रवाई होने के बाद निज़ाम परिवार और भारत सरकार के बीच इस मुद्दे को लेकर समझौता हुआ और भारत ने इन निज़ाम परिवार के दावे के पक्ष में उनका साथ दिया।