आज के दिन से नवरात्र जैसे पावन पर्व की शुरूआत हो गई है, इस त्योहार का इंतजार हर कोई बेसब्री से करता है, वैसे आपको बता दें कि इस बार 29 सितंबर से शुरू होने वाला ये त्योहार 8 अक्तूबर तक चलेगा। विशेष बात तो यह है कि इस बार के नवरात्र में एक भी दिन का क्षय नहीं हैं जिसकी वजह से 9 के 9 दिन शुभ होने वाले हैं। कलश स्थापना के लिए चार शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। नवरात्र के पहले दिन पूरा शुभ है। अगर आप भी अपने घर में नवरात्र की पूजा करते हैं तो आपको कलश स्थापना के साथ होने वाले अखंड ज्योत का महत्व भी अच्छे से पता होगा। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि इस अखंड ज्योत को जलाने समय कुछ बातों का ध्यान भी रखना पड़ता है, इन बातों का ध्यान रखने से ही मां दुर्गा अपने भक्तों पर प्रसन्न होती है, तो आइए जानते हैं अखंड ज्योत से जुड़े ये विशेष नियम।
क्या है अखंड ज्योत का महत्व
अखंड ज्योत से जुड़े विशेष नियम को जानने से पहले इसके महत्व के बारे में बात करते हैं। धार्मिक ग्रथों में बताया गया है कि जिस अखंड दीपक को आप जलाते हैं वो व्रत के शुरूआत में ही जला देना चाहिए व्रत के समापन तक बुझना नहीं चाहिए। ज्योतिष का कहना है कि नवरात्रि के दौरान मां के समक्ष अखंड ज्योत जलाने का भी एक बड़ा रहस्य है, कहा जाता है कि ये अखंड ज्योत उस तरह से है जैसे घोर अंधेरे में एक छोटा-सा दीपक विपरीत परिस्थितियों में रहकर अपने आस-पास का अंधेरा दूर कर उस जगह को रोशनी से भर देता है उसी तरह माता के भक्त भी मां की आस्था के सहारे अपने जीवन के अंधकार को मिटा सकते हैं।
अब बात करते हैं इससे जुड़े नियम की
– अखंड ज्योत जलाने के लिए अक्सर ही थोड़े बड़े आकार के दीपक का चुनाव करना चाहिए, आप चाहे तो इसके लिए मिट्टी के दीपक का भी चुनाव कर सकते हैं। पूजा के लिए मिट्टी और पीतल के दीपक को शुद्ध माना जाता है।
– इतना ही नहीं ध्यान रहे कि कभी भी अखंड ज्योत का दीपक किसी ऊंचे स्थान पर ही रहे और उसे भूल से भी कभी खाली जमीन पर नहीं रखना चाहिए।
– पूजा के दौरान जलाने वाले दीपक को पहले उसे किसी ऊंचे स्थान जैसे पटरे या चौकी पर रखने से पहले उसमें गुलाल या रंगे हुए चावलों से अष्टदल बना लें। ऐसा करने के बाद ही ज्योत प्रज्वलित करें।
– कई लोगों को ये बात पता नहीं होता है कि अखंड ज्योति की बाती रक्षा सूत्र से बनाई जाती है और इसके लिए सवा हाथ का रक्षा सूत्र लेकर ही उसे बनाना पड़ता है।
– इस अखंड ज्योत को जलाने के लिए अक्सर ही घी ,सरसों या तिल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है।
– ध्यान रहे कि अखंड ज्योत को अगर आपने घी का दीपक जलाया है तो उसे देवी मां के दाहिने तरफ, और अगर तेल का दीपक है तो उसे देवी मां के बाईं तरफ रखना चाहिए।
– वहीं यह भी जान लें कि दीपक जलाने से पहले गणेश भगवान, मां दुर्गा और भगवान शिव का ध्यान अवश्य करें।