हममें से कई लोग ऐसे होंगे जो सरकार नौकरियों की तैयारी करते होंगे वो भी अधिकारी ग्रेड के परीक्षाएं तो और भी ज्यादा कठिन होती हैं। अगर आपने कभी IAS या फिर PCS ग्रेड की परीक्षाएं दी होगी तो आपको पता ही होगा कि इस परीक्षा के बाद लिया जाने वाला इंटरव्यू कितना ज्यादा कठिन होता है। कई बार तो इस इंटरव्यू के दौरान ऐसे सवाल किए जाते हैं जिसे सुनकर किसी को गुस्सा भी आ सकता है। दरअसल ये इंटरव्यू इतना ज्यादा कठिन होने के पीछे का कारण ये होता है कि इसके जरिए वो आपके मानसिक स्थिति को परखा जाए और किसी भी तरह की स्थिति को किस तरह से हैंडल कर पाने में आप समर्थ हैं।
आज हम आपको एक ऐसे ही कैंडिडेट के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि साल 2017 में उन्होने सबसे कठिन UPSC परीक्षा में 350 वी रैंक हासिल कर अपने माता पिता का सिर गर्व से ऊंचा किया था। दरअसल हम बात कर रहे हैं साक्षी गर्ग की जिनके बारे में आप सभी ने कई बार सुना भी होगा, साक्षी से भी बाकि कैंडिडेट की तरह जबरदस्त इंटरव्यू लिया गया था लेकिन इस दौरान उन्होने अपने बेहतरीन जवाब से अधिकारियों का दिल जीत लिया। हालांकि साक्षी वर्तमान में इंडियन रेवेन्यू सर्विस (IRS) में असिस्टेंट कमीशनर हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर साक्षी से ऐसा क्या सवाल पूछा गया तो आपको बता दें कि साक्षी से इंटरव्यू के दौरान अधिकारियों ने सवाल पूछा कि- मान लो आप यूपी के किसी जिले की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट बन जाती हैं। अब एक दिन आपके पास हिंदू समाज आता हैं और बोलता हैं कि हमें रामनवमी के दिन जुलूस निकलना हैं और फिर अगले दिन मुस्लिम समाज आता हैं और वो भी उसी दिन, उसी समय और उसी रूट पर ताजिया निकलने की परमिशन मांगता हैं। ऐसे में आप क्या करेंगी?
तभी साक्षी ने भी इस सवाल का बेहद ही सही तरीके से जवाब देते हुए कहा कि- मैं दोनों दलों की भावनाओं का सम्मान करती हूँ क्योंकि ये दोनों ही अपने समाज का प्रतिनिधत्व कर रहे हैं। साक्षी बोली कि मैं ऐसी स्थिति से निपटने के लिए वह दोनों गुटों के लीडर से बात करेंगी । जिससे दोनों पक्षों कि भावनाओ को कोई ठेस न पहुचें।
साक्षी के इस जवाब को सुनकर अधिकारियों ने एक और सवाल पूछा जिसमें उनसे कहा कि अगर दोनों दल एक ही समय पर जुलुस निकालने के लिए अड़ जाए तो आप क्या करेंगी? इस पर साक्षी ने कहा राज्य की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होने के नाते मेरे पास अधिकार हैं कि मैं उन दोनों ही दलों को जुलुस निकालने से मना भी कर सकती हूँ। साक्षी जैसे जैसे जवाब देते गई अधिकारियों ने एक एक करके कई सवाल किए उन्होने साक्षी से पूछा कि मान लो की अगर कोई नेता विधायक का भाई निकला तब फिर वो क्या करेंगी, लेकिन इस सवाल पर भी साक्षी ने कहा कि मेरा डिसीजन सेम रहेगा।
इसके अलावा आखिरी सवाल के दौरान अधिकारी ने पूछा कि अगर मंडल आयुक्त में आपसे 10 साल सीनियर कमिश्नर हैं और अगर वह आपसे कहे की किसी एक दल को परमिशन दे दो तब आप क्या करेंगी क्यूंकी अगर आप अपने सीनियर को मना करती हैं तो इससे आपकी नौकरी भी जा सकती हैं , तब इस सवाल पर साक्षी कहती हैं कि मैं अपने सीनियर से विनती करूंगी की वह मुझे ये बात रिटेन फॉर्मेंमेट में दे ताकि अगर मेरे परमिशन देने से आगे जाके कोई भी दंगे हुए तो मैं उसकी ज़िम्मेदार नहीं होंगी।