आजकल हर तरफ मिशन चंद्रयान 2 की बातें ही हो रही है। हालांकि मिशन चंद्रयान-2 के सफल होने के अंतिम क्षण यानि बस 2 किलोमीटर पहले ही लैंडर विक्रम का संपर्क इसरो से टूट गया और वो अपनी जगह से दूसरी जगह चला गया। जिसके बाद से हर तरफ मायूसी छा गई लेकिन इसके बावजूद देश व दुनियाभर के लोग इसरो और भारतीय वैज्ञानिकों को सलाम कर रहे हैं।
पर इन सबके दौरान पाकिस्तान ही एक ऐसा देश है जो कि इस मौके पर भी भारत की निंदा करने से पीछे नहीं हट रहा है, जी हां वैसे हमारे लिए ये कोई नई बात नहीं है क्योंकि ये अपनी इन आदतों से मजबूर है। जी हां दरअसल अभी भी इमरान खान की सरकार में विज्ञान और तकनीक मंत्री रहे चौधरी फवाद हुसैन ने इसरो के चंद्रयान 2 पर प्रतिक्रिया दी तो सोशल मीडिया पर उनकी जमकर क्लास लग गई।
हो भी क्यों न भला फवाद ने बात ही कुछ ऐसी कही थी, और अब भारतीयों को चुप रहने की या सुनने की आदत नहीं है। इसलिए जब फवाद हुसैन ने ट्वीट कर कहा कि जो काम नहीं आता, उसमें पंगा नहीं लेते। इतना ही नहीं उन्होने एक और ट्वीट किया जिसमें भारतीय वैज्ञानिकों का मजाक उड़ाया। इसके बाद सोशल मीडिया यूजर ने उनकी खबर ले ली। इस बार लेकिन जो हुआ वो कभी नहीं हुआ था जी हां क्योंकि खास बात तो यह है कि खुद पाकिस्तान के लोगों ने फवाद हुसैन को लताड़ लगा दी।
दरअसल ट्विटर पर एक यूजर ने फावब मंत्री के ट्विट पर लिखा कि हमारे पास एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाने के लिए एक एयरलाइन है। अंकल आप बैठ जाइए। इसके अलावा एक दूसरे यूजर ने लिखा है, ‘आप साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर हैं. इंडिया को लेक्चर देने की बजाय आप बताइए कब चांद तक पहुंचेंगे’ हमाद अजीज ने लिखा, ‘कम से कम उन्होंने कोशिश की है और उनके अंदर अपनी असफलता स्वीकार करने का साहस है।’
इतना ही नहीं मोहम्मद हजरान ने भी फवाद को निशाने पर लेते हुए पूछा कि मंत्री के रूप में पिछले एक साल में आपने क्या किया। ये तो हो गई भारतीय लोगों की बात इसके पाकिस्तान के रहने वाले यूजर ने भी कुछ इस अंदाज में फवाद चौधरी को नसीहत दी। राजा बुखारी नामक यूजर ने लिखा कि हम उनका मजाक क्यों उड़ा रहे हैं. वे सफलता के बिलकुल नजदीक थे।
इसके अलावा दूसरी यूजर लिखती हैं कि वे अलग हैं। हम उनके आसपास कहीं नहीं हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अपोलो भी अपने मिशन में फेल हुआ है।
यह बात सच है क भारत का ये महत्वपूर्ण मिशन अपने अंतिम लक्ष्य से महज चंद सेकेंड दूर था लेकिन इस दौरान ये हो गया पर इसके बावजूद विदेशी मीडिया सहित पूरी दुनिया में इसरो को वाहवाही मिल रही है। वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि ये भारत के अंतरिक्ष मिशन के लिए एक झटका जरूर है लेकिन इस मिशन में जो कामयाबी मिली है वह देश की युवा आबादी के सपनों को साकार करने का उदाहरण है।