पीएम मोदी एक ऐसी हस्ती बन गए हैं जिनकी चर्चा शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब न होता हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि पीएम मोदी अपनी आगामी अमेरिका यात्रा के दौरान ह्यूस्टन में भारतीय अमेरिकी लोगों के एक कार्यक्रम में शिरकत करने वाले हैं, और इस कार्यक्रम का नाम रखा गया है ‘हाउडी मोदी’। वैसे आपको बता दें कि यह एक तरह का मेगा इवेंट होगा, जिसमें 50,000 के करीब लोग शामिल हो सकते हैं।इतना ही नहीं ये भी बता दें कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम मोदी को जून में ही कुल 25 पत्र लिखे गए थें, इतना ही नहीं भारतीय अमेरिकी मूल के उद्योगपतियों द्वारा इस कार्यक्रम के लिए कुल करीब 2.4 मिलियन डॉलर का फंड इकट्ठा किया गया है। इस मेगा इवेंट के आयोजन के लिए 40 बड़े दानदाताओं और सैंकड़ों छोटे दानदाताओं ने चंदा दिया है।
इतना ही नहीं जून माह में ह्यूस्टन के कुछ भारतीय अमेरिकी प्रोफेशनल्स ने यह सुना कि पीएम मोदी सितंबर में न्यूयॉर्क में आयोजित होने वाली यूएन जनरल असेंबली की बैठक में हिस्सा लेने आ रहे हैं, फिर क्या था इस सूचना के मिलते ही पीएम मोदी को अपने शहर में बुलाने के लिए ह्यूस्टन के अलावा शिकागो और बोस्टन के भी लोग आतुर हो गए पर ऊर्जा को लेकर मौजूदा समय के माहौल को देखते हुए ऊर्जा की उत्पादन की दृष्टि से अहम शहर ह्यूस्टन को तरजीह मिली, हालांकि इस बात को हम भूला नहीं सकते हैं कि ह्यूस्टन में 1,50,000 भारतीय अमेरिकी लोग रहते हैं क्योंकि मोदी के वहां जाने के पीछे का एक कारण यह भी हो सकता है।
विदेशी मामलों में भाजपा ने शुरूआत से ही अपना प्रदर्शन अच्छा करते हैं, वहीं भाजपा के विदेश मामलों के प्रमुख विजय चुटियावाले ने बताया कि ‘ह्यूस्टन में भारतीय प्रभाव काफी है और यह ऊर्जा के लिहाज से भी काफी अहम है। इतना ही नहीं आज भारत के लिए ऊर्जा सुरक्षा पहली प्राथमिकता है।’ ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम का आयोजन टेक्सास इंडिया फोरम द्वारा किया जा रहा है, जिसका गठन कार्यक्रम के आयोजन के लिए जुलाई माह में ही किया गया था।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाउडी मोदी कार्यक्रम के आयोजन के साथ ऑयल फील्ड का सर्वे करने वाली कंपनी के प्रमुख के अलावा ह्यूस्टन में चिन्मया मिशन के संस्थापक, कांग्रेस लॉबिस्ट, एक काउंटी जज आदि लोग जुड़े हैं। इसके अलावा कार्यक्रम का आयोजन करने और चंदा देने वाले लोगों में ऑयल, गैस और एनर्जी कंपनी के मालिक, कॉरपोरेट डोनर्स जैसे वालमार्ट, ओयो यूएसए आदि शामिल हैं। कार्यक्रम की बात करें तो इस कार्यक्रम का आयोजन 6 सदस्यों वाली एक प्रमुख कमेटी कर रही है। इसके अलावा 200 सदस्यों वाली 20 अन्य वर्किंग कमेटी भी हैं। साथ ही बड़ी संख्या में वॉलंटियर भी इस आयोजन से जुड़े हैं।
इंडो अमेरिका पॉलिटिकल एक्शन कमेटी एक लॉबी ग्रुप है, जिसका अमेरिका में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट, दोनों पर ही समान प्रभाव है। गीतेश देसाई को साल 2019 का प्रवासी भारतीय सम्मान अवार्ड भी दिया गया है। इनके अलावा पेट्रोकेमिकल कंपनी Vinmar International के निदेशक और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स, ग्रेटर ह्यूस्टन के निदेशक स्वतंत्र जैन, बायोऊर्जा ग्रुप के संस्थापक अमित भंडारी का नाम भी आयोजनकर्ताओं में शामिल है।