इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है इस बात की मिसाल यूपी हाईकोर्ट के जज दिनेश कुमार ने सबके सामने पेश की है. दरअसल एक छात्र के बीएचयू आईआईटी में दाखिला लेने की फीस नहीं थी. जब यह मामला जज दिनेश कुमार के पास आया तो उन्होंने इस छात्रा को एडमिशन दिलाने के लिए अपनी जेब से ₹15000 का भुगतान कर छात्रा को उसके सफल भविष्य की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया.
खबरों की माने तो छात्रा ने संस्कृति रंजन से लखनऊ हाई कोर्ट मैच में एक याचिका दर्ज की थी. इस याचिका में छात्रा का कहना था कि लखनऊ आईआईटी बीएचयू में एडमिशन लेने के लिए उनके पास पैसे नहीं है इसलिए वह फीस जमा नहीं कर सकती और समय पर फीस ना देने के कारण वह आईटी आईटी में दाखिला प्राप्त करने से भी वंचित रह गई है. छात्रा ने आगे इस बात का भी खुलासा किया कि जॉइंट सीट एजुकेशन अथॉरिटी को उन्होंने कई बार चिट्ठी लिखी और बताया कि उनके पास एडमिशन लेने की फीस नहीं है. इस केस पर सुनवाई कर रहे जज दिनेश कुमार ने छात्रा के पढ़ाई के सर्टिफिकेट देखें.
जानकारी के लिए बता दे यह लड़की पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार थी इस छात्रा ने दसवीं क्लास में 95 परसेंट मार्क्स और 12वीं क्लास में 94 परसेंट मार्क्स प्राप्त किए हुए थे. छात्रा ने इस बात का भी खुलासा किया कि उनके पिता की एक किडनी पूरी तरह से खराब हो चुकी है जिसका भी उनको ट्रांसप्लांट कराना है. सारी बात सुनकर जज ने आदेश देते हुए कहा कि 3 दिन के अंदर अंदर इस छात्रा को दाखिला मिल जाना चाहिए. क्योंकि यह लड़की पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार है और अगर इसको मौका दिया जाए तो आगे चलकर यह देश का नाम रोशन कर सकती है.
जज ने यह भी कहा कि अगर आईटीआई कॉलेज में कोई सीट खाली नहीं है. तो छात्रा के लिए अलग से कोई व्यवस्था की जाए. जानकारी के लिए बता दें इस छात्रा ने जेईई मेंस परीक्षा में 92 परसेंट मार्क्स हासिल करके बतौर एसएससी के डिग्री 2062 वीरेन प्राप्त की थी. और जेई एडवांस में इस छात्रा की 1469 वी रैंक आई है. और जज ने इस छात्रा को दाखिला दिलाने के लिए अपनी जेब से ₹5000 इस लड़की की फीस के लिए भरे हैं इसलिए कहा जाता है कि इस दुनिया में इंसानियत अभी भी जिंदा है. वैसे यह लड़की पढ़ाई में काफी ज्यादा होशियार है और जज को लड़की की काबिलियत पर विश्वास है इसलिए उन्होंने इस को कॉलेज में एडमिशन दिलवाने से लेकर इसकी फीस तक का प्रबंध कर मिसाल कायम की है. यह लड़की काफी गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है लेकिन फिर भी इसने अपनी 10वीं और 11वीं की परीक्षा अच्छे नंबरों से पास की है और यही कारण है कि जज इस लड़की की सहायता करने के लिए आगे आए हैं.