हमारे भारत देश को धार्मिक देश बताया गया हैं, हमारे यहाँ धर्म शास्त्रो की बड़ी मान्यता हैं। धर्मशास्त्रों में पंचदेव के बारे में बताया गया हैं ये हैं पंचदेव गणेशजी, विष्णुजी, शिवजी, माँ दुर्गा और सूर्यदेव इनकी नित्य-प्रतिदिन पुजा करनी चाहिए। सूर्यदेव एकमात्र प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले देवता हैं अत: इनकी पुजा रोज करनी चाहिए। इनकी पुजा से सारे दु:ख दर्द दूर हो सकते हैं और किस्मत से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति मिल सकती हैं, हमारे यहाँ लोग सूर्य को देवता कहते हैं इन्हे ग्रहो का राजा बताया गया हैं।
कुंडली में 12 भाव होते हैं और हर भाव में सूर्य का अलग असर होता हैं, कुंडली में अगर सूर्य की स्थिति के अनुसार सूर्यदेव को प्रसन्न करने के उपाय किए जाए तो किस्मत का साथ मिलने की संभावनाएं और अधिक बड़ सकती हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार आपकी कुंडली के आधार सूर्य के लिए कौन-कौन से शुभ काम किए जा सकते है आज हम आपको बताने जा रहे हैं।
(1) अगर आपके कुंडली के पहले भाव में सूर्य अशुभ फल दे रहा हैं तो आपको हमेशा सत्य कसठ देना चाहिए। आप अपनी आय का एक हिस्सा जरूरतमंदों की सहायता में खर्च करें, इसके करने से आपके जीवन के सारे कष्ट कम हो सकते हैं। वैसे भी किसी जरूरतमन्द को सहायता देना अपने आप में पुण्य हैं।
(2) अगर सूर्य कुंडली के दूसरे भाव में अशुभ हो तो व्यक्ति को अपने वाणी पर ध्यान देना चाहिए, आप धार्मिक स्थलो पर दान करें और सदाचार का पालन करें।
(3) यदि सूर्य तृतीय भाव में हो तो व्यक्ति को भूलकर भी बड़े-बुजुर्गो का अनादर नहीं करना चाहिए। घर के बड़े-बुजुर्गो का आशीर्वाद पाकर और तीर्थ यात्रा के जरिये कुंडली में सूर्य को अनुकूल बनाया जा सकता हैं, हमारे यहाँ बड़े-बुजुर्गो की सेवा करना एक बड़ा पुण्य का कम होता हैं, इसलिए कभी भी उनका अनादर नहीं करना चाहिए।
(4) यदि सूर्य चौथे भाव में बैठे हो तो सूर्य को अनुकूल करने के लिए किसी नेत्रहीन व्यक्ति को 43 दिनों तक लगातार खाना खिलाये, तांबे का एक सिक्का धारण करें।
(5) सूर्य के पांचवे भाव में होने पर सूर्य देव को नियमित रूप से अर्घ्य देना चाहिए| बंदरो को गुड चना खिलाना चाहिए| इस कम को सावधानी से करना चाहिए।
(6) छठे भाव में सूर्य के होने पर आप अपने घर में किसी पवित्र नदी का जल रखना चाहिए, आप रात में सोने से पहले अपने सिर के पास जल से भरा कोई पात्र रखें, या फिर सुबह किसी भी में आप पानी दल दें| इससे भी लाभ भी मिलेगा।
(7) यदि कुंडली में सूर्य सातवे भाव में हैं तो उन्हें शुभ फल पाने के लिए खाने में नमक का प्रयोग कम करना चाहिए, काली या बिना सिंग वाली गाय की सेवा करनी चाहिए, खाने से पहले रोटी का एक टुकड़ा रसोई के आग में डाल देनी चाहिए।
(8) यदि सूर्य कुंडली में आपके आठवे भाव में हैं तो किसी भी नए काम को शुरू करने से पहले मीठा खाएं और मीठा पनि पिये, और बहती नदी मे गुड प्रवाहित करें।
(9) आप इस बात का ध्यान रखें की यदि सूर्य नवं भाव में हैं तो आप कभी भी दान में चाँदी की वस्तु ना दे, आपको क्रोध से बचना चाहिए और वाणी में मधुरता लानी चाहिए।
(10) दशवे भाव में सूर्य हो तो उसका शुभ प्रभाव पाने के लिए पूरी तरह के काले या नीले कपड़े ना पहने किसी बहती नदी में 43 दिन तक आप मछलियों को आटे की गोलियां खिलाये, मांस-मदिरा के सेवन से बचे।
(11) यदि सूर्य ग्यारहवे भाव में हैं तो व्यक्ति को मांस और मदिरा से दूर रहन चाहिए| रात को सोते समय आप अपने सिर के पास बादाम या मुली रखकर सोये, सुबह उठकर इन एसबी वस्तुओ का दान आप किसी मंदिर में कर सकते हैं।
(12) सूर्य के बारहवें भाव में होने पर धर्म का पालन करना चाहिए, दूसरे की गलतियो का माफ कर देना चाहिए। सूर्य को शांत रखने के लिए सूर्य यंत्र की स्थापना अपने घर या आफिस में करें, जिससे आपको किसी मुश्किल का सामना ना करना पड़े।