वैसे तो आजकल दुनिया में इंसानियत कम ही देखने को मिलती है. लेकिन फिर भी एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने इंसानियत की मिसाल कायम की है. दरअसल एक रिक्शा चालक ने निस्वार्थ भाव से एक वृद्ध महिला की सेवा की और महिला ने भी बदले में इस रिक्शा चालक के नाम अपना तीन मंजिला घर और सारी जायदाद कर दी. पत्नी की मृत्यु के बाद जब इस मुरीद महिला की बेटी का भी देहांत हो गया तो सभी रिश्तेदारों ने इस तरह 60 साल की वृद्धा से अपना मुंह मोड़ लिया. जिसके कारण बुढ़ापे के पड़ाव पर यह बहुत अकेली हो गई. लेकिन फिर इंसानियत दिखाते हुए एक रिक्शा ड्राइवर ने इस इस महिला की सेवा करनी शुरू कर दी और 25 सालों से यही रिक्शा चालक इस महिला को संभालते आ रहा है. रिक्शा चालक के निस्वार्थ भाव को देखते हुए वृद्धा अपनी सारी संपत्ति इस युवक के नाम करने का फैसला किया.
संपत्ति नहीं इंसानियत ही सबसे बड़ा धर्म है इसका उदाहरण अब उड़ीसा के कटक जिले से सामने आ रहा है. यह घटना सबको प्रेरणा देती हुई नजर आ रही है जिसमें एक 65 वर्षीय वृद्ध महिला ने अपने तीन मंजिला घर और अपनी सारी संपत्ति उसकी निस्वार्थ भाव से सेवा कर रहे एक ऑटो ड्राइवर के नाम कर दी है. हालांकि इस महिला के परिजन जो इससे मुंह मोड़ कर चले गए थे अब इस महिला को खरी-खोटी सुना रहे हैं. लेकिन महिला अपने फैसले पर डटी हुई है. बता दे ऑटो ड्राइवर के नाम जो घर हुआ है उसकी कीमत और वृद्धा के सारे जेवरात की कीमत करीब करीब एक करोड रुपए बताई जा रही है जो कि समृद्ध मिलाने अपना बड़प्पन दिखाते हुए रिक्शा चालक के नाम किए हैं.
उड़ीसा के कटक जिले की इस महिला का नाम मिनाती बताया जा रहा है. बता दे पिछले कई सालों से अपने पति के देहांत के बाद मिनाती अपनी बेटी के घर पर रहने लगी लेकिन पति की मृत्यु के 6 महीने बाद ही मिनाती की बेटी ने भी हार्टअटैक के कारण इस दुनिया को अलविदा कह दिया. जिसके बाद मीनाती थी काफी ज्यादा लाचार और बेबस हो गई. मिनाती के इस बुरे समय में उनके सभी परिजनों ने भी उनसे मुंह मोड़ लिया.
रिपोर्ट की मानें तो इस रिक्शा चालक और उसके पूरे परिवार ने ना केवल मिनाती पटनायक का पूरा ख्याल रखा बल्कि उन्होंने इस महिला को संभाला और इसका अकेलापन भी दूर किया. आज तक से बात करते हुए मीनाक्षी पटनायक ने इस बात का खुलासा किया कि अपनी संपत्ति को एक रिक्शा चालक के नाम करने को लेकर उनकी बहन उनसे बिल्कुल भी खुश नहीं है. बहन का कहना है कि इस तरह से अपनी जायदाद को किसी रिक्शा चालक के नाम नहीं करना चाहिए. लेकिन वृद्ध महिला ने यह भी बताया कि जब से उनके पति और उनकी बेटी का निधन हुआ है तब से उनके किसी भी परिजन ने उनका हालचाल नहीं पूछा है. बस एक यह रिक्शा चालक की है जिसने निस्वार्थ भाव से उनकी सेवा की है.
इस रिक्शा चालक का नाम बुद्ध है. बुद्ध ने बताया कि वह पिछले 25 साल से इस परिवार से जुड़े हुए हैं. मैं अपनी रिक्शा में केवल पटनायक परिवार को ही सवारी के रूप में बिठाया करते थे. जबकि अब उनके परिवार में केवल मीनाक्षी पटनायक ही बची है इसलिए वह इनका अच्छे से ख्याल रखते हैं संपत्ति को उनके नाम करना मिनाती का बड़प्पन है.